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रांची/डेस्क: सेलेरी जूस का नाम शायद ही आपने सुना होगा. मगर इसके बीज का इस्तेमाल आप रोजाना करते है. जिसे हम आम भाषा में अजवाइन के नाम से जानते है. अजवाइन को ही अंग्रेजी में सेलेरी कहा जाता है. इसके साथ ही इसे अमजोद भी कहा जाता है. इसी के पत्तों से जूस बनाया जाता है. बता दें कि विदेशों में सेलेरी के जूस का खूब इस्तेमाल किया जाता है. मगर अपने देश में इसका बहुत कम चलन है. डिटॉक्स जूस के रूप में सेलेरी जूस का सेवन विदेश में किया जाता है. सेलेरी का जूस शरीर के अंदर की गर्मी को निकलने में कारगर साबित हो सकता है. इसके साथ ही यह किडनी, लीवर को ठंडा रखता है और साथ ही ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है. आइए सेलेरी के बारे में विस्तार से जानते है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक सेलेरी जूस भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों मौजूद होते है. बता दें कि 1 गिलास सेलेरी की जूस में 0.5 ग्राम फैट, 9 ग्राम कार्बोहाइड्रैट, 4 ग्राम शुगर और 2 ग्राम प्रोटीन के साथ ही पोटैशियम, फॉलेट, विटामिन K और विटामिन C जैसे पोषक तत्व मौजूद रहते है.
शरीर की गर्मी निकल जाएगी
कहा जाता है कि गर्मी के मौसम में पानी पीना बहुत फायदेमंद है. लेकिन इसके आलावा भी विकल्प उपलब्ध है जो शरीर को हाइड्रेट रखता है. सेलेरी भी इसी श्रेणी में आता है. सेलेरी की तासीर ठंडी होती है. सुबह-सुबह अगर सेलेरी का जूस पी लिया जाए तो यह किडनी और लीवर को शीतलता प्रदान करता है. इसके साथ ही सेलेरी के जूस में फ्लेवेनोएड्स कंपाउड पाया जाता है. फ्लेवेनोएड्स कंपाउड में एंटी-इंफ्लामेटरी के गुण भरपूर मात्रा में मौजूद होती है. इंफ्लामेशन का तात्पर्य कोशिकाओं में सुजन से है. जिससे जोड़ों में दर्द और गठिया सहित कई अन्य बीमारियां होती है. वहीं फ्लेवेनोएड्स इंफ्लामेशन के कारण डैमेज हुई कोशिकाओं को फिर से बनाते हैं. जिसकी इफ्लामेशन से रक्षा करते हैं. विटामिन C भी इसमें मौजूद होता है जो एंटीऑक्सीडेंट्स का काम करता है. जिसका तात्पर्य यह है कि यह इम्युनिटी को बूस्ट करके शरीर को इन्फेक्शन से बचाता है.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है
हार्ट के लिए सेलेरी का जूस बहुत सेहतमंद माना जाता है. एक फायटोकेमिकल सेलेरी में पाया जाता है जो ब्लड वैसल्स की दीवाल को रिलेक्स करता है. जिसकी वजह से ब्लड वैसल्स के मसल्स में लोच आ जाता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है.