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रांची/डेस्कः झारखंड की शराब नीति में बदलाव से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. पहले यह मामला आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) के पास था, लेकिन झारखंड के अधिकारियों के सहयोग न करने के कारण अब यह केंद्रीय एजेंसी के अधीन है.
इस घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया हैं. आरोप यह है कि रायपुर में स्थित एक सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम का उपयोग कर झारखंड में शराब की आपूर्ति की और इस प्रकार करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया हैं.
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ईओडब्ल्यू की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि झारखंड की शराब नीति में छत्तीसगढ़ के मॉडल के अनुसार संशोधन किया गया हैं. इस संशोधन के तहत एफएल 10-ए के समान 1-ए लाइसेंस जारी कर कुछ विशेष एजेंसियों को ठेका दिया गया. एपी त्रिपाठी को झारखंड में शराब नीति का कंसल्टेंट अधिकारी नियुक्त किया गया था, जिन पर सिंडिकेट के साथ मिलकर गड़बड़ी करने और झारखंड विधान सभा में नीति में बदलाव का प्रस्ताव पास कराने का आरोप लगाया गया है.
इन लोगों से पूछताछ करेगी सीबीआई
इस मामले में अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, निरंजन दास, सिद्धार्थ सिंघानिया, विधु गुप्ता, झारखंड के आबकारी सचिव विनय चौबे और ज्वाइंट कमिश्नर गजेंद्र सिंह जैसे अन्य व्यक्तियों से सीबीआई पूछताछ करेगी. आने वाले दिनों में इनकी गिरफ्तारी की संभावना भी जताई जा रही है.