न्यूज़11 भारत
बगोदर/डेस्क: बाल यौन शोषण जैसे संवेदनशील विषय पर बच्चों को उनके अधिकार और सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मंगलवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुसमरजा में POCSO एक्ट पर विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम झारखंड काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, रांची के निर्देशानुसार एवं जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय के नेतृत्व में, सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (C3) के तकनीकी सहयोग से आयोजित किया गया. सत्र का संचालन विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम (SHWP) अंतर्गत प्रशिक्षित हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर्स द्वारा किया गया.
कार्यक्रम में कुल 94 विद्यार्थियों — 39 छात्र और 55 छात्राओं — ने भाग लिया.
इस दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) अधिनियम, वर्ष 2012 में भारत सरकार द्वारा लागू किया गया एक विशेष कानून है, जो 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है.
सत्र के दौरान विद्यार्थियों को यह समझाया गया कि यह कानून लड़कियों और लड़कों दोनों पर समान रूप से लागू होता है. इसकी विशेषताएं —
पीड़ित की पहचान गोपनीय रखना
बच्चे के अनुकूल न्याय प्रक्रिया
समयबद्ध सुनवाई सुनिश्चित करना — पर भी विस्तार से चर्चा की गई.
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक रामेश्वर महतो, ICT प्रशिक्षिका पूजा कुमारी और हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर महेंद्र पासवान ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यौन हिंसा को सहना किसी की मजबूरी नहीं है, और प्रत्येक बच्चा न्याय पाने का हकदार है. उन्होंने यह भी बताया कि POCSO एक्ट न सिर्फ सजा सुनिश्चित करता है, बल्कि जागरूकता और मानसिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को भयमुक्त वातावरण देना और उन्हें यह विश्वास दिलाना था कि कानून उनके साथ है