न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: आजकल के सोशल मीडिया के दौर ने जितनी समस्याएं सुलझाई हैं उतनी हीं समस्याएं खड़ी भी की हैं. जहां इंस्टाग्राम के रील्स ने कई अभावग्रस्त प्रतिभा को मंच दिया है वहीं इन प्लैटफार्म का उपयोग शांति सौहाद्र बिगाड़ने के अलावा अन्य कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए भी होता है. हाल हीं में केंद्रीय पुलिस बलों के जवानों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर कड़ी हिदायतें दी गई हैं. सीआरपीएफ द्वारा अपने जवानों से कहा गया है कि वे बिना जाने-समझे ऑनलाइन फ्रेंडशिप ना करें. इसके अलावा यूनिफार्म में तस्वीरें अपलोड ना करें. उनके द्वारा सोशल मीडिया पर वर्दी में रील या तस्वीरें अपलोड करने पर उन्हें हनीट्रैप का शिकार बनाया जा सकता है.
सोशल मीडिया के द्वारा हनीट्रैप कर जवानों को फंसाया जा रहा
बता दें कि हाल हीं में विशाखापट्टनम में तैनात एक सीआईएसएफ के जवान को हनीट्रैप में फंसाया गया था. जांच में पता चला कि वह पाकिस्तान की एक महिला इंटेलिजेंस अधिकारी के साथ संपर्क में था और कई संवेदनशील जानकारियां दे रहा था. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अलग-अलग अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस फोर्स को लेटर जारी करते हुए सतर्क किया है. सीआरपीएफ के तरफ से जवानों को आगाह करते हुए सोशल मीडिया पर दोस्ती ना करने और चैट मैसेज से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है. साथ हीं सोशल मीडिया पर यूनिफार्म में अपनी तस्वीरें ना अपलोड करने की सलाह दी गई है. सीआरपीएफ ने इस की गंभीरता समझते हुए ये कदम उठाया गया है. इस के लिए निर्देश जारी करते हुए लेटर जारी किया गया है. एक आधिकारिक नोट में कहा गया, सोशल मीडिया को लेकर सख्त हिदायत जारी की जाती है कि यूनीफॉर्म में फोटो और वीडियो अपलोड ना करें साथ ही बिना ठीक से जांचे-परखे किसी को अपने फ्रेंड्स लिस्ट में शामिल ना करें. अगर इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने भी लेटर जारी किया है. जिसमें उन्होने कहा है कि भी गिरफ्तार शख्स या फिर अंडर ट्रायल व्यक्ति से जुड़े कमेंट सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचे . इस लेटर में यह भी कहा गया है कि जवान हाइली प्रोटेक्टेड इलाकों में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर ना अपलोड करें. इसके साथ हीं उन्होंने यह भी कहा कि ड्यूटी के समय सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं करना है. सोशल मीडिया पर कोई भी संवेदनशील जानकारी नही शेयर करनी है. इसके अलावा अन्य अर्द्धसैनिक बलों ने भी सोशल मीडिया गाइडलाइन जारी की है और सीमा पर तैनात जवानों को रील ना बनाने के लिए कहा है.ये मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. इसलिए मामले की गंभीरता को समझते हुए निर्देशों का पालन किया जाए.
