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रांची/डेस्क: बरसात के मौसम में सांप कहर जारी है. इस मौसम में खेत के किनारे बने हुए घरों में सांप के घुसने की घटना ज्यादा सामने आती है. इसके साथ ही कई बार खेतों में काम करने वाले किसान और मजदूर भी सर्पदंश के शिकार हो जाते है. इस मौसम में बाढ़ के कारण सांप के काटने की घटनाओं में इजाफा हो जाता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में 1 साल में 1 लाख 38 हजार से ज्यादा लोग सर्पदंश के कारण अपनी जान गवां देते है. वहीं 4 लाख लोग सर्पदंश के कारण अपने अंग खो देते है या फिर उनके अंग निष्क्रिय हो जाते है.
करैत, कोबरा, रसेल वाइपर और सा स्केल वाइपर जैसे जहरीले सांप भारत में पाए जाते है. इन सांपों के काटने से मौत भी हो सकती है. अगर हम सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो हर साल यहां 10 से 12 हजार लोग सांप के काटने से अपनी जान गवां देते है. इसके साथ ही सांप के डसने से मौत होने पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राज्य आपदा के तहत 4 लाख रुपए की सहयता राशि भी दी जाती है.
अंधविश्वास पड़ेगा भारी
डॉक्टर्स का कहना है कि सांप के डसने के बाद अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए. इसके साथ ही झाड़ फूंक में करवाने के चक्कर में अपना कीमती समय न गवांए. वहीं अगर सांप के डसने की कोई भी घटना होती है तो बिना समय गवांए फौरन सरकारी अस्पताल में जाना चाहिए. सरकारी अस्पताल में सांपों के काटने का इलाज संभव है. इसके साथ ही हर सरकारी अस्पताल में एंटी वेनम नाम की दवा मौजूद रहती है. यह सांप के डसने के बाद मरीजों को बचाने में बेहद ही कारगर है.
सांप काटने के लक्षण
-दो नुकीले निशान या घाव त्वचा पर दिखते हैं.
-घाव से खून बहते रहते है.
-सूजन, जलन और काटने के आसपास लाली दिखाई देती है.
-काटने के आसपास तेज दर्द होता है.
-त्वचा के रंग में बदलाव होता है.
-बुखार और दस्त होते है.
-पेट दर्द और सिरदर्द रहता है.
-पलके भारी हो जाती है.
ऐसे कीजिए बचाव
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर सांप काट ले तो जिस स्थान पर सांप ने काटा हो, कपड़े से उसको बांध दें. कपड़े को इतना टाइट बांधे कि उसमें एक उंगली भी न जा सके. इसके बाद फौरन मरीज को सरकारी अस्पताल ले जाएं. अस्पताल में मरीज को बेहतर इलाज दिया जाएगा. सांप के काटने पर समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बचने की संभावनाएं ज्यादा रहती है.
Disclaimer: यह आलेख एक्सपर्ट्स के राय के आधार पर लिखी गई है. इस संबंध में उचित सलाहकार से सलाह जरुर लें.