अमित दत्ता/न्यूज़11 भारत
तमाड़/डेस्क: प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सारजमडीह वर्षों से बंद पड़ा है, जिससे कुरकुटा, रागड़ाबड़ाग, सारजमडीह और हाडामलोहर पंचायतों के लगभग 20 से 25 हजार ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही हैं. यह स्थिति वर्ष 2020 से बनी हुई है, जब इस केंद्र में पदस्थापित चिकित्सक का डेपुटेशन रांची कर दिया गया.
ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है. अस्पताल भवन पूरी तरह तैयार होने के बावजूद इसमें किसी प्रकार की चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध नहीं है. चारों पंचायतों की प्रखंड मुख्यालय से दूरी 15 से 20 किलोमीटर है, जिससे गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्धजनों और गंभीर मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
प्रखंड के अन्य पीएचसी भी बदहाल
सिर्फ सारजमडीह ही नहीं, तमाड़ प्रखंड के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है. अम्लेशा पंचायत अंतर्गत बुरूडीह में बना स्वास्थ्य केंद्र हमेशा बंद रहता है, वहीं दिवरी में बनाए गए उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन शादी-पार्टी के लिए किराए पर दिया जा रहा है या ठेकेदारों के निजी उपयोग में आ रहा है.
प्रशासन से की गई शिकायत
ग्रामीणों ने रांची उपायुक्त और बुंडू अनुमंडल पदाधिकारी से मांग की है कि तमाड़ प्रखंड के सभी स्वास्थ्य केंद्रों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. साथ ही जो अधिकारी-कर्मी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. लोगों का सवाल है कि जब अस्पताल भवन मौजूद है तो यह सेवा आम जनता को क्यों नहीं मिल रही? क्या यह स्वास्थ्य केंद्र जनसेवा के लिए बना है या फिर केवल कागजों पर योजनाओं की खानापूर्ति के लिए? ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को विवश होंगे.