झारखंडPosted at: मई 12, 2025 तेलंगाना टनल में नहीं मिला संतोष का शव, परिजनों ने पुतला का किया अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि
तेलंगाना सरकार की ओर से मिला 25 लाख रुपए का चेक

किशोर कुमार जायसवाल/न्यूज11 भारत
गुमला/डेस्कः गुमला प्रखंड के तिर्रा गांव में संतोष साहू के नाम का पुतला बनाकर परिजनों ने हिंदू रीति रिवाज और विधि विधान के साथ श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया. इस बीच परिवार के लोग और पूरा गांव शव यात्रा में शामिल हुआ. तेलांगना राज्य के नागरकुलम में बीते 22 फरवरी को हुए देश का चर्चित टनल हादसा में फंसे तिर्रा गांव का मजदूर संतोष साहु के शव का अब तक जीवित व मृत नही मिलने पर परिजन अंततः पूरी आस छोड़ दिए. साथ ही हादसे के 80 दिन बाद संतोष के शव का पुतला बनाकर हिन्दू धार्मिक रीति रिवाज को पूर्ण करते हुए तिर्रा श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया. मुखग्नि छोटे बेटे ऋषभ ने दिया. इस दौरान पूरा महौल गमगीन रहा. संतोष की पत्नी संतोषी देवी का रो रो कर बुरा हाल था. माँ को रोता देख उसके तीनो बच्चे 12 वर्षीय रीमा कुमारी,10 वर्षीय राधिका कुमारी व छोटा बेटा 7 वर्षीय ऋषभ साहू भी बिलख बिलख कर रो रहे थे. पत्नी व बच्चो के रोने की आवाज से पूरा माहौल गमगीन हो उठा. उनके आंसू देख उन्हें संभालते हुए व ढांढस बंधाते हुए ग्रामीण भी बिलखने लगे.
इस दौरान सबसे विचलित करने वाला दृश्य तब का था जब मृतक संतोष के तीनो बच्चे पुतला का बनाये गए शव में लगे संतोष के तश्वीर के मुख पर रोते हुए गंगा जल डाल रहे थे. इससे पूर्व सुबह छह बजे ही परिजन शव बनाकर तैयार रखे थे. बड़ी संख्या में ग्रामीण व रिस्तेदार मौके पर मौजूद थे वही सभी अंतिम संस्कार में शामिल हुए. तेलंगाना सरकार द्वारा शव नहीं मिलने के बाद उसे क्षेत्र को रेड जोन घोषित कर दिया और शव का खोज भी बंद कर दिया. इसके बाद परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र सौंपा गया साथ ही उपायुक्त गुमला ने परिवार वालों को ₹25 लाख का चेक दिया जो तेलंगाना सरकार की ओर से दिया गया था. मृतक की पत्नी संतोषी देवी ने बताया झारखंड सरकार से किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिला है. उन्होंने झारखंड सरकार से जीवन यापन के लिए नौकरी और बच्चों की बेहतर शिक्षा व्यवस्था की मांग की है. हालांकि तेलंगाना सरकार ने बच्चों की शिक्षा व्यवस्था करने को लेकर मौखिक रूप से आश्वासन दिया था लेकिन अब तक इस दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं की गई है. मृतक के बहनोई श्रवण साहू ने बताया तेलंगाना में हादसा के बाद गुमला उपयुक्त के निर्देश पर बहनोई पंकज साहू उपायुक्त कार्यालय से अविनाश पाठक और सब इंस्पेक्टर निखिल के साथ एक माह तक तेलंगाना में रुके. इस बीच प्रतिदिन सुबह हादसा स्थल के पास जाते थे और शाम को वापस लौटते थे. लेकिन जब शव मिलने की आस समाप्त हो गई तो सभी वापस लौट गए.
