रोहन निषाद/न्यूज़11 भारत
चाईबासा/डेस्क: पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस ने खूंटपानी के बासाहातु गांव में ग्रामीण मुंडा मंजीत हाईबुरु हत्या कांड का मामला आखिर एक सप्ताह में सुलझा लिया. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. घटना के संबंध में चाईबासा सीडीपीओ बहामन टुटी ने बताया कि चाईबासा जिला के मुफ्फसिल थाना पाण्ड्राशाली ओपी अन्तर्गत ग्राम गम्हरिया के समीप बासाहातु के ग्रामीण मुण्डा मंजीत हाईबुरू को चाईबासा का अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. घटना के संबंध में मृतक के भाई शेखर हाईबुरू के द्वारा मुफ्फसिल पाण्ड्राशाली ओपी थाना कांड अन्तर्गत अज्ञात अपराधकर्मी के विरुद्ध कांड वर्ज कराया गया था.घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी आशुतोष शेखर के द्वारा त्वरित कार्रवाई हेतु टीम का गठन किया गया. टीम के द्वारा कांड का उदभेदन करते हुए अनुसंधान के में मुफ्फसिल पाण्ड्राशाली ओपी गांव साठ-दोपाई गांव निवासी 30 वर्ष गंगाराम तियु, और चाईबासा मुफ्फसिल थाना अंतर्गत सुपलसाई गांव निवासी 35 वर्ष नागुरी तियु रविवार को गिरफ्तार किया गया है. अभियुक्तों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की.
आरोपी के निशानदेही में पिस्टल चाकू बरामद
पुलिस का पूछताछ में अभियुक्त गंगाराम तियु के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त चाकू, ग्लब्स, मोटरसाईकिल, 02 (दो खोखा), पिस्टल, अभियुक्त के द्वारा घटना के समय पहने गये कपड़ा को जप्त किया गया है.
चाचा का हत्या का बदला लिया आरोपी ने
पुलिस का पूछताछ में आरोपी गंगाराम तियु ने बताया कि जनवरी 2025 में गंगाराम तियु के चाचा बागुन तियु की मृत्यु सडक दुर्घटना में हो गई थी, उस समय गंगारान तियु बंगलौर में काम करता था. घटना की जानकारी मिलने पर वह दोपाई अपना गांव आया और आस-पास के लोगों से घटना के बारे में पता किया, जिससे उसे जानकारी मिली कि बागुन तियु की मृत्यु को सड़क दुर्घटना का रूप दिया गया है, जबकि उसकी हत्या की गई है, जिसमें बासाहातु के ग्रामीण मुण्डा मंजित हाईबुरु का मुख्य रूप से हाथ है, क्योंकि इनके जमीन एवं रास्ते के विवाद के संबंध में ग्रामीण मुण्डा द्वारा विपक्ष के लोगों का साथ दिया जा रहा था. फिर आगे इसी प्रतिशोध में गंगाराम तियु द्वारा अपनी सुरक्षा एवं अपने चाचा का हत्या कराने में शामिल मंजीत हाईबुरू की हत्या करने के उद्देश्य से अपनी चाची नागुरी तियु के मदद से पिस्टल एवं चाकू खरीदा गया और पिस्टल को लोड कर अपने साथ हमेशा रखने लगा. इसके बाद 11 मई को रात्री में अपने गाँव के दोस्तों के साथ बियर पीने के क्रम में ज्ञात हुआ कि साथ बैठे दोस्तों में एक बासाहातु का ग्रामीण मुण्डा मंजित भी है. बियर पीने के बाद अपने गाँव के दोस्तों के साथ मंजीत को अपने गाँव बासाहातु छोड़ने के क्रम में ग्राम गम्हरिया के पास पहले पिस्टल से उसके कान के पास सटाकर फायर किया गया. अपने सभी दोस्त के ईधर-उधर चले जाने के बाद वह पुनः अपने भाई सनातन तियु के साथ यह पक्का करने के लिये घटनास्थल पर गया, कि मंजीत जिंदा है कि मर गया. लेकिन उसे अब भी जिंदा पाकर पिस्टल से दो बार और फायर किया. लेकिन पिस्टल में गोली फँस जाने के कारण मंजीत नहीं मरा. जिसके बाद फिर से अपने भाई के साथ घर वापस आकर पहले से रखे गये चाकू एवं ग्लब्स को साथ में ले जाकर घटनास्थल पर पहुँचकर जिंदा पाकर ग्लब्स पहनकर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दिया एवं घटना में प्रयुक्त सामानों अन्यत्र छुपा दिया गया.
जप्त समानों की सुची
1 एक पिस्टल,दो (02) खोखा, चाकू, मोटरसाईकिल
छापामारी दल में शामिल पुलिसकर्मी
पु०अ०नि० मृणाल कुमार, ओ०पी० प्रभारी पाण्ड्राशाली, पु० अ०नि० राजकुमार भगत
स०अ०नि० सुनिल कुमार यादव ,स०अ०नि० जितेन्द्र कुमार ओपी,पाण्ड्राशाली ओ०पी० का सशस्त्र बल शामिल थे.