झारखंड » गुमलाPosted at: अप्रैल 21, 2024 अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ता रामायण काल के एक गांव पंपापुर (पालकोट) मेंस्थित ऋषिमुख पर्वत

नीरज कुमार साहू/न्यूज11 भारत
बसिया/डेस्क:-हम बात कर रहे हैं गुमला से लगभग 25 किलोमीटर दूर औरराजधानी रांची से लगभग 110 किलोमीटर दूर पालकोटकी पालकोट ऐतिहासिक पर्यटक स्थल के साथ एक मुख्य धार्मिक स्थल भी है पालकोटप्रखंड प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है इसके चारों ओर घने जंगल और पार्वते है. पालकोट का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है हां आप सही सुने रामायण मेंइसका उल्लेख पंपापुर नगर के नाम से है. यह वही पंपापुर नगर है जिसमें स्थित ऋषिमुख पर्वत है. ऋषिमुख पर्वत अपने गर्भ में प्राकृतिक के अद्भुत रचनाओं को धारणकिए हुए हैं. ऋषिमुख पर्वत का संबंध रामायण काल से है. वानर राज बाली के डर से उनके छोटेभाई सुग्रीव यहीं पर आकर छिपे थे. आज भी लोग पर्वत के इस गुफा को सुग्रीव गुफा केनाम से जानते हैं. इस पर्वत में इतने रहस्य छिपे हुए हैं कि आज तक उन रहस्यों का राज कोई जाननहीं पाया. यहां के निर्झर से सालों भर निकलते निर्मल जल की धाराएं भीष्ण गर्मीमें भी कभी नहीं सूखती है और पालकोट प्रखंड के हजारों लोगों की प्यास बुझाती है. पर्वत की चोटी में स्थित मखमलपुरऔर शीतलपुर नामक गुफाओं में इतने शीतल हवाएं बहती है की जो भी पर्यटक वहां आता हैवह अपनी सारी थकान भूल जाता है चाहे कितनी भी भीषण गर्मी हो इन गुफाओं से हमेशाठंडी हवाएं बहती रहती है.तो दूसरी तरफ पालकोट में कई सारे प्राचीन मंदिर भी है नागवंशी राजाओं केद्वारा निर्मित मां 10 भुजी मंदिर भक्तों कोअपनी और आकर्षित करता है मान्यता यह भी है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां आते हैंउनकी मुराद पूरी होती है. पालकोट में ही एक गोबर शीला नामक पहाड़ है इस पहाड़ कीखासियत यह है कि यह एक के ऊपर एक नजर आते हैं. टुकड़ों के बीच दरार भी स्पष्ट दिखाई देती है. मानो कुदरत नेइसे इस प्रकार रचना की हो जैसे किसी ने इसे एक दूसरे के ऊपर रख दिया हो. कई युग बीत जाने के बाद भी ये शिलाखंड अपने स्थान पर यथावत है. मुख्य पर्यटक स्थल के साथ एकमहत्वपूर्ण धार्मिक स्थल रहते हुए भी आज ऋषिमूक पर्वत अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़रहा है. पर्वत के ऊपर जाने के रास्ते में कटीले झाड़ी उग आये है. गुफाओं में कचरेका अंबार है झारखंड की पूर्व की सरकार होया वर्तमान सरकार की उदासीनता का परिणाम है कि जिस पर्वत को देखने राज्य केलोगों के साथ अन्य राज्य के लोग भी आते हैं वही आज अपनी अस्तित्व को बचाने कीलड़ाई लड़ रहा है.