पोस्टमैन कृति ने संचार मंत्री को लिखा पत्र, दिलीप सिन्हा ने की लेबर कमीश्नर से की शिकायत
कौशल आनंद, न्यूज11 भारत
रांची: डाकघर रांची सर्किल के इंसपेक्टर विकास रंजन पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. यह आरोप सब्सीच्यूट के तौर पर काम करने वाले दो कर्मचारियों ने लगाया है. पहला आरोप सब्सीच्यूट दिव्यांग कर्मचारी दिलीप कुमार सिन्हा और दूसरा आरोप कृति कुमारी ने लगाया है. दिलीप कुमार ने इसकी लिखित शिकायत सेंट्रल रिजनल कमीश्नर, रांची को किया है, जबकि कृति कुमारी ने इसकी शिकायत केंद्रीय संचार मंत्री से किया है. विकास रंजन फिलहाल हजारीबाग में पोस्टेड हैं, इनका तबादला पिछले महीने ही हुआ है. हजारीबाग भी रांची सर्किल के अंतर्गत ही आता है.
दिलीप ने जातिगत गाली देने और पैसा मांगने का लगाया आरोप
दिलीप कुमार सिन्हा ने आरोप लगाते हुए कहा कि वो 1998 से लेकर 23 अप्रैल 2020 तक हटिया डाकघर में सब्सीच्यूट के रूप में कार्य करते रहे. इस दौरान सीडीआई खूंटी इंसपेक्टर विकास रंजन ने उनके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के साथ-साथ मानसिक प्रताड़ित करते थे. वहीं पैसे का डिमांड करते थे. पैसा नहीं देने पर उन्हें जबरदस्ती कार्य से हटा दिया गया. यह काम पीएमजीबीडी शशि शालिनी कुजूर और डीपीएसी सत्यकाम के मिलीभगत से हुआ.
वहीं विकास रंजन ने कहा कि आज से तुम यहां काम नहीं करोगे. क्योंकि तुम यहां का कंम्प्यूटर, आधार कार्ड का सिस्टम और सर्वर जान बुझकर खराब कर दे रहे हो. इसलिए तुम्हें सेवा मुक्त कर रहे हैं. मैंने बोला कि इतने वर्षों से काम रहा हूं. मेरी वजह से कैसे कंम्प्यूटर खराब हो रहा है, यह तो बताएं. उन्होंने कहा कि हमसे बहस करोगे. उसके बाद उन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया. विकास रंजन ने कहा कि देखते हैं कि तुम यहां कैसे काम करते हो. शशि शालिनी कुजूर का मौखिक आदेश है कि तुमको यहा काम से हटा दिया जाए. विकास रंजन मुझे कहा कि जितना सब्सीच्यूट है. कोई तीन महीने का 20 हजार रूपया देता है. तुम हमको सिर्फ 5 हजार महीना देता है. यह पैसा ऊपर तक देना पड़ता है. यह पैसा ऊपर के अफसरों तक जाता है.
कृति ने घर बुलाकर पैसे मांगने और प्रताड़ना का लगाया आरोप
हुंडरू पोस्ट हटिया में कार्यरत कृति कुमारी ने अपनी शिकायत केंद्रीय संचार मंत्री से की है. उन्होंने अपनी शिकायत तत्तकालीन संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को पत्र लिखते हुए कहा कि वो रांची जिला के हुंडरू शाखा डाकघर में पोस्टमैन के पद पर सब्सीच्यूट के रूप में 6 वर्षोँ तक कार्य किया, लेकिन इंस्पेक्टर विकास रंजन ने साजिश के तहत मानसिक प्रताड़ना करते हुए उन्हें हटा दिया.
उन्होंने विकास रंजन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे चिट्टी बांटने के तौर पर हर महीने 5 हजार नगद लिया करते थे. एक दिन विकास रंजन ने मुझे अपने घर पर बुलाया. यह कमान निफ्ट पोस्ट ऑफिस के सामने सुनिता प्रकाश किराया पर था. विकास रंजन ने कहा कि अगर तुमको काम करना है तो तुम्हें 3 महीने का 20 हजार रूपए देना होगा. अगर हर तीन महीने में 20 हजार नहीं दोगी, तो मैं तुम्हें हटाकर किसी और को रख लूंगा. इस तरह वो लगातार मानसिक प्रताड़ना करते रहे. अंतत: 25 अप्रैल 2019 को काम से हटा दिया गया.
डाक अफसर ने आरोप को किया खारिज
रांची सर्किल के डीपीएस सत्यकाम ने दोनों कर्मियों के द्वारा इंस्पेक्टर पर लगाए गए आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया. सत्यकाम ने कहा कि जो आरोप लगाए हैं, उनको लेकर लेबर ऑफिस से भी जवाब मांगा गया है, जिसका जवाब उचित कारणों के साथ दिया जाएगा, मगर जो आरोप ये लगा रहे हैं, यह आरोप हटाने के बाद क्यों लगाए. ये लोग सब्सीच्यूट के तौर पर अस्थाई कर्मी के तौर पर कार्यरत थे. जब तक संबंधित विभाग या अफसर चाहेंगे तभी तक काम कर सकते हैं. पैसा मांगने और मानसिक प्रताड़ना का आरोप साबित करना होता है. इसका उनके पास क्या प्रमाण है.