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रांची/डेस्क: ट्रेन में ही नहीं बल्कि रेलवे स्टेशन पर भी गंदगी फैलाना महंगा पड़ सकता है. अब न केवल अपील के जरिए लोगों को साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक किया जाएगा, बल्कि अभियान चलाकर ऐसे लोगों से जुर्माने का बसुला जाएगा. पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर रेल मंडल ने रेल यात्रा को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
बता दें कि बुधवार को जारी किए गए नए निर्देशों के मुताबिक, ट्रेनों और रेलवे परिसर में नशा, धूम्रपान, और गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंडल प्रशासन ने यह साफ किया है कि शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन, साथ ही धूम्रपान, रेलवे परिसर में पूरी तरह से प्रतिबंधित है. यह नियम यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं, क्योंकि नशा और धूम्रपान न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि आगजनी जैसी खतरनाक घटनाओं को भी जन्म दे सकते हैं. इसलिए, सभी यात्रियों से अपील की गई है कि वे इन नियमों का पालन करें ताकि रेल यात्रा सुरक्षित और साफ-सुथरी बनी रहे. सभी को मिलकर इस प्रयास में सहयोग करना चाहिए.
सिगरेट पीने और गंदगी फैलाने पर लगेगा जुर्माना
रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 167 के तहत धूम्रपान करना मना है और इसके लिए यात्रियों को कम से कम ₹200 का जुर्माना देना होगा. इसके अलावा, अगर कोई यात्री नशे में हंगामा करता है, तो रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी उसे सख्ती से संभालेंगे. रेलवे सफाई पर भी ध्यान दे रहा है और इसे लेकर नियम बनाए गए हैं. ट्रेनों, स्टेशनों, या प्लेटफॉर्म पर कूड़ा फेंकने वालों पर ₹500 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
ज्वलनशील और खतरनाक वस्तुओं को ट्रेन में ले जाना अवैध
इसके साथ ही, ट्रेन में ज्वलनशील और खतरनाक वस्तुओं जैसे पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर, पटाखे या माचिस ले जाना पूरी तरह से अवैध है. इन वस्तुओं से रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा होता है. चक्रधरपुर मंडल ने यात्रियों से अपील की है कि वे सुरक्षित और स्वच्छ रेल यात्रा के लिए जागरूक रहें. यात्रियों को यह समझना चाहिए कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या नियम उल्लंघन की सूचना तुरंत रेलवे कर्मचारियों या सुरक्षा बल को देनी चाहिए. ऐसा करने से सुरक्षात्मक उपायों को मजबूत बनाया जा सकता है. प्रशासन का मानना है कि यात्रियों की सतर्कता से ही एक बेहतर रेलवे प्रणाली का निर्माण संभव है.