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रांची: रांची नगर निगम आम और खास के लिए नक्शा पास अलग-अलग नियम से करता है. आम आदमी जनरल प्लॉट पर घर बनाने के लिए नक्शा पास कराने निगम जाता है तो खतियान, डीड लगान रसीद के अलावा पंजी टू में नाम दर्ज है कि नहीं. इस बात की पूरी पड़ताल व कागजात जमा होने के बाद कई चक्कर काटने के बाद किसी तरह नक्शा पास होता है. मगर खास के साथ ऐसा नहीं होता. उनके आवेदन पर बिना जांच पड़ताल के ही नक्शा पास हो जाता है. यह नक्शा छोटे-मोटे घर नहीं, बल्कि बहुमंजिला इमारत का होता है. पल्स हॉस्पीटल के बाद अब रामप्यारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ ला विस्टा अपार्टमेंट के नक्शा पास करने पर भी नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के द्वारा बनाए गए पल्स हॉस्पीटल की तरह उसके बगल में डॉ. एसएन यादव द्वारा बनाए गए राम प्यारी अस्पताल और ला विस्टा अपार्टमेंट में भी जमीन का भी बड़ा हिस्सा भुईंहरी नेचर की जमीन है. इसके बावजूद नगर निगम ने नक्शा पास कर दिया. आखिर यह मेहरबानी क्यों? कहा जा रहा है कि निगम ने खुद नियमों को दरकिनार करके इन बहुमंजिला इमारतों का नक्शा पास कर दिया.
मोरहाबादी मौजा के खाता नंबर 160 की है वकास्त भुईंहरी जमीन
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर ईडी के द्वारा छापेमारी के दौरान पल्स हॉस्पिटल में भी छापेमारी की गई थी. इसके बाद से ही हॉस्पिटल के जमीन के नेचर को लेकर मामला तेज हो गया है. जबकि, करीब दो साल पहले ही इसकी शिकायत सीएम हेमंत सोरेन से की गई थी तो उन्होंने रांची डीसी को कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. अब पूजा सिंघल के पति के पल्स हॉस्पिटल में भी छापेमारी के साथ ही उसके आसपास बने रामप्यारी हॉस्पिटल और ला विला अपार्टमेंट के जमीन के नेचर पर भी सवाल उठने लगे हैं. बताया जा रहा है कि अस्पताल और अपार्टमेंट में एक बड़ा हिस्सा बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा के खाता नंबर 160 की जमीन है. जो बकास्त भुईंहरी है.
नगर निगम के प्रस्ताव को विधि विभाग ने किया था खारिज
रांची नगर निगम ने नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजकर भुईंहरी जमीन का नक्शा पास करने के संबंध में गाइडलाइन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. इस पर विभाग ने भुईंहरी जमीन पर नक्शा पास करने के लिए गाइडलाइन बनाने के लिए एक कमेटी गठित की थी. कमेटी ने गाइडलाइन तैयार किया तो उसे भू-राजस्व विभाग को भेजा गया. भू-राजस्व विभाग ने विधि विभाग को भेजा. मगर विधि विभाग ने प्रस्ताव पर आपत्ति के साथ इसे वापस कर दिया. इसके बाद नगर विकास विभाग ने निगम को बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार ही नक्शा पास करने कहा था. मतलब वर्ष 2016 के बिल्डिंग बायलॉज के तहत नक्शा पास करने के लिए जमीन का खतियान, डीड, रसीद के अलावा रजिस्टर टू में नाम दर्ज होने सहित सभी संबंधित कागजात देने होते हैं. मगर निगम ने बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए नक्शा पास कर दिया.
खाता 160, 161, 162 के मूल रैयत हैं बुकना मुंडा (अब स्वर्गीय)
सूत्रों के अनुसार बड़गाई अंचल के मोरहाबादी मौजा के खाता 160, 161, 162 औऱ् अन्य प्लाट भुंईहरी नेचर की जमीन हैं. इसके मूल रैयत बुकना मुंडा(अब स्वर्गीय) हैं. बुकना मुंडा स्वर्गीय बिरसा मुंडा के बेटे हैं. बुकना मुंडा के तीन बेटे में से एक महरंग मुंडा के नाम से अब भी इन प्लाटों की लगान रसीद कटती है. इसी परिवार से आनेवाले कृष्णा ने बताया कि हमारी जमीन खाता 80 में भी है, जो कायमी जमीन है. इसका कागज दिखाकर भुंईहरी जमीन की अवैध खरीद-बिक्री की गयी. उनके अनुसार खाता 160 की जमीन महरंग मुंडा के नाम से दी गयी है. वहीं खाता 161 की जमीन जगराम मुंडा और खाता 162 की जमीन जुना मुंडा के नाम से बांट दी गई है.