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रांची/डेस्क: मिथकों व लोककथाओं में जलपरी को एक ऐसी रहस्यमय प्राणी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. सदियों से जलपरी को महिला के सिर और शरीर और मछली की पूंछ के साथ चित्रित किया जाता रहा है. दुनियाभर की कई सभ्यताओं व संस्कृतियों में जलपरी की कहानियां प्रचलित हैं. पर सवाल है कि क्या जलपरी सच में होती है? आइए जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है और जलपरियों को लेकर विज्ञान क्या कहता है.
प्राचीन सभ्यताओं में है जलपरियों का उल्लेख
प्राचीन सभ्यताओं में जलपरियों का उल्लेख मिलता है. सुमेरियन, बेबीलोनियन और ग्रीक सभ्यताओं में इन प्राणियों की कहानियां देखी जा सकती हैं. सुमेरियन और बेबीलोनियन सभ्यताओं की कहानियों में जलपरियों को 'एनकी' नामक एक जलदेवता के साथ जोड़ा जाता है. इन सभ्यताओं में जलपरी को एक देवी के रूप में दर्शाया जाता है. इनके पास जल की शक्तियां मौजूद होती है. वहीं ग्रीक सभ्यताओं में जलपरी को 'सायरन' के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. कहा जाता है जलपरियाँ वह खूबसूरत महिलाएं थीं जो अपने संगीत से नाविकों को लुभाती थीं, जिसकी वजह से वह समुद्र में डूब जाते थे. इन सब के अलावा यूरोपीय लोककथाओं में जलपरी की कहानियां आम हैं. यहां जलपरियों को प्रेम और बलिदान की प्रतीक माना जाता है. वहीं, कई कहानियों के अनुसार जलपरी के होने मात्र से समुद्र में जहाज तबाह हो जाते हैं या फिर कुछ बुरा होता है.
क्या कहता है इतिहास ?
जलपरियों को लेकर इतिहास में कई दावे किये जा चुके हैं. कई समुद्री यात्री, मछुआरे और अन्य लोगों का दावा है कि उन्होंने जलपरी को देखा है. बता दें कि मशहूर खोजी यात्री क्रिस्टोफर कोलंबस ने भी अपनी डायरी में कैरेबियन सागर में जलपरियों को देखने की बात लिखी थी. हालांकि, बाद में ये बात सामने आई कि शायद उन्होंने समुद्री गाय (मैनेटी) को जलपरी समझ लिया था. आज भी समय-समय पर कई लोग जलपरियों को देखने का दावा करते हैं. सोशल मीडिया पर भी कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो वायरल होती रहती हैं, जिनमें असल में जलपरियों के होने का दावा किया जाता है.
क्या है विज्ञान की राय
विज्ञान के मुताबिक जलपरियों का अस्तित्व पृथ्वी पर संभव नहीं है. कई वैज्ञानिकों ने समुद्र के गहराई में जीवन को लेकर काफी रिसर्च की है, पर अभी तक उन्हें किसी भी ऐसे प्राणी के बारे में किसी तरह का कोई सबूत नहीं मिला है. ऐसे में विज्ञान जलपरी के अस्तित्व को नकारता रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अक्सर डगोंग, मैनेटी और कुछ प्रकार की सील जैसे समुद्री जीवों को जलपरी समझ लिया जाता है. उनका मानना है कि जलपरियों की कहानियां इंसान की कल्पना मात्र है. ऐसा समुद्र के रहस्यों के प्रति जिज्ञासा की वजह से होता है.