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रांची/डेस्क: इस्पात नगरी जमशेदपुर और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार को जीएसटी विभाग ने एक बड़ी छापेमारी की, जिससे 150 करोड़ रूपए के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ हैं. इस कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है क्योंकि आठ अलग-अलग प्रतिष्ठानों पर एक साथ हुई इस छापेमारी से फर्जी बिलिंग के जरिए सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले गिरोह का खुलासा हुआ हैं.
इस मामले के मुख्य आरोपियों में विकास जैसुका, उसका भाई राजेश जैसुका और सहयोगी गोलू शामिल है, जो फिलहाल फरार हैं. जीएसटी विभाग की टीम ने इनकी गिरफ्तारी के लिए पूरी ताकत झोंक दी हैं. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह गिरोह फर्जी कंपनियों के जरिए 150 करोड़ रूपए के जीएसटी बिल बनाकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रहा था.
हैरान करने वाली बात यह है कि इस फर्जीवाड़े से जुटाए गए पैसे को ओडिशा की खदानों में निवेश किया गया था जबकि एक बड़ी राशि रिवाह रिसोर्ट में भी डाली गई. इस पूरे खेल में एक और अहम कड़ी है- गोलू, जो फर्जी कंपनियों के नाम पर जीएसटी के बिल तैयार कर रहा था.
जांच में यह पता चला है कि यह फर्जीवाड़ा पिछले तीन सालों से बेरोकटोक चल रहा था. छापेमारी के दौरान जीएसटी टीम ने तीन कंप्यूटर, चार लैपटॉप और यह छह मोबाइल फोन जब्त किए है, जिनमें इस घोटाले से जुड़ी अहम डिजिटल जानकारी हो सकती हैं.
इन जगहों पर हुई छापेमारी
- खाटू श्याम स्टील, जुगसलाई
- जैसुका आयरन एंड पावर, जुगसलाई
- बाबा श्याम स्टील, जुगसलाई
- रिवाह रिसोर्ट, एनएच-33
- खाटू श्याम, जुगसलाई
- श्री स्टील, जुगसलाई
- विवान इंटरप्राइजेज, जुगसलाई
- मातेश्वरी इंजीनियरिंग, आदित्यपुर
इस कार्रवाई का नेतृत्व जीएसटी इंटेलिजेंस विभाग के रोशन मिश्रा ने किया और टीम में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनात किया गया था. जीएसटी विभाग के संयुक्त निदेशक सार्थक सक्सेना बे बताया कि अब तक पांच करोड़ रूपए की वसूली की जा चुकी है और मामले की पूरी जांच की जा रही हैं.