भरत मंडल/न्यूज 11 भारत
गांडेय/डेस्क: गांडेय प्रखंड के पंदनिया स्थित पब्लिक स्कूल परिसर में रविवार को झारखंड आंदोलनकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. बैठक में आंदोलनकारियों के हक, अधिकार और उन्हें मिलने वाले सरकारी सम्मान को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. वक्ताओं ने कहा कि झारखंड राज्य की नींव आंदोलनकारियों की कुर्बानी पर टिकी है, फिर भी उन्हें आज तक उनका उचित हक नहीं मिल पाया है.
बैठक की अध्यक्षता झारखंड सहयोगी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह अधिवक्ता मो. मुस्तफा अंसारी ने की. उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन में आंदोलनकारियों ने गुरुजी (शिबू सोरेन) के निर्देश पर संघर्ष किया, लेकिन गिरिडीह जिले के लगभग तीन हजार चिंहित आंदोलनकारियों को अब तक न तो पेंशन दी गई है और न ही उचित सम्मान मिला है.
मो. अंसारी ने बताया कि राज्य के अन्य जिलों में आंदोलनकारियों को प्रमाण-पत्र और पेंशन मिल रही है, पर गिरिडीह अब भी उपेक्षित है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेती है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर अपनी मांगों को रखेगा. उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने इस मुद्दे की अनदेखी की, तो आने वाले समय में पूरे राज्य में चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा.
बैठक में बड़ी संख्या में आंदोलनकारी और उनके समर्थक उपस्थित रहे. मुख्य रूप से मो. अशद अंसारी, देवीश्वर मुर्मू, शिवलाल हांसदा, छत्रधारी सिंह, सनातन बास्के, बालदेव कोल्ह, लालदेव यादव, बालदेव प्रसाद वर्मा, मो. असलम अंसारी, सनाउल्लाह, अब्दुल समद, नईम अंसारी, मिठु मंडल, शिवाजी मुर्मू, रविन्द्र प्रसाद वर्मा, सुखदेव हांसदा, लोबा राम मांझी, अमित यादव, रामेश्वर सोरेन, नारायण राणा, मिन्हाज अंसारी, रफीक अंसारी, इम्तियाज अंसारी, भीखारी राणा, सरजु वर्मा, अब्दुल गफ्फार, सीतो महतो, सुरेश तुरी, गणेश तुरी, भीम वर्मा, भरत मंडल, वासुदेव प्रसाद वर्मा, चांदमल सोरेन, लालू यादव, मुलिन टुडू, गंगा प्रसाद वर्मा, नंदलाल राम सहित दर्जनों आंदोलनकारी बैठक में शामिल हुए.