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झारखंड में ढाई साल में दिये गये 11,212 माइंस डीलरों को लाइसेंस

5029 ट्रेडर लाइसेंस, 1377 स्टोरेज डिपो लाइसेंस और 4806 प्रोसेसिंग यूनिट लाइसेंस
झारखंड में ढाई साल में दिये गये 11,212 माइंस डीलरों को लाइसेंस
1.97 लाख से अधिक वाहनों के जरिये हो रही है बालू, स्टोन चिप्स और अन्य खनिजों की ढुलाई




संताल परगना में दिये गये सबसे अधिक ई-चालान




दीपक/न्यूज11 भारत




रांची: झारखंड में इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय से लेकर अन्य जांच एजेंसियां अवैध खनन और खान आवंटन मामले को लेकर लगातार अपनी जांच कर रही हैं. इसमें खान विभाग के सचिव पूजा सिंघल को ईडी ने न्यायिक हिरासत में ले रखा है. पाकुड़, साहेबगंज, दुमका, पलामू के जिला खनन पदाधिकारियों से ईडी के अधिकारी पूछताछ कर अवैध खनन को इस्टैबलिश करने में लगे हैं. झारखंड हाईकोर्ट में ईडी की ओर से हलफनामा दर्ज कर अवैध खनन से जुड़े नेक्सस तक पहुंचने की अंतिम कोशिशें की जा रही हैं. दबीश बढ़ायी जा रही है. 

 

खान विभाग ने ढाई साल में बनाये 11,212 डीलर

 

न्यूज11 भारत ने इस बीच यह जानने की कोशिश की है कि कैसे पिछले ढाई साल में सिर्फ खान विभाग ने 11,212 डीलर लाइसेंस दिये हैं. इसमें 5029 के ट्रेडर लाइसेंस निर्गत किये गये हैं. इसमें से घरेलू सेल यानी डोमेस्टिक सेल के लिए 4876 लाइसेंस निर्गत किये गये हैं. खान विभाग ने स्टोन, चिप्स, बालू, लौह अयस्क और अन्य लघु खनिजों के निर्यात को लेकर 134 लोगों को ट्रेड लाइसेंस दिया है. इसी तरह सरकार की तरफ से 1377 स्टोरेज डिपो का लाइसेंस दिया गया है. इसमें रेलवे से स्टोन चिप्स और अन्य खनन उत्पादों को डिस्पैच करने का 697 लाइसेंस है. जबकि 591 लोगों को स्टोन चिप्स, लौह अयस्क खदान और अन्य खनिजों के प्रोक्यूरमेंट के लिए लाइसेंस दिये गये हैं. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि स्टोरेज और भंडारण को छोड़ 4806 प्रोसेसिंग इकाईयां हैं, जहां साइज स्टोन चिप्स, आयरन ओर चिप्स की विभिन्न आकारों में कटाई की जाती है. इन साइज ओर, पत्थर के लिए 197,564 वाहनों का उपयोग झारखंड में हो रहा है. इसमे 42,451 ऐसे वाहन हैं, जिनका वेहीकल पिन जेनरेट कर दिया गया है.

 


 

दुमका प्रमंडल में सरकार ने जारी किये 1972 खनन लाइसेंस

 

झारखंड स्टेट मिनरल्स इंफोरमेशन मैनेजमेंट  सिस्टम में ये आंकड़े खुद खान एवं भूतत्व विभाग की तरफ से अपलोड किये गये हैं. सरकार की मानें तो  दुमका प्रमंडल में सबसे अधिक 1972 लाइसेंस निर्गत किया गया है. यहां यह बताते चलें कि झारखंड से बाहर के स्टेट को आपूर्ति करने के लिए 17 सौ से अधिक प्रोसेसिंग यूनिट को लाइसेंस मिला है. राज्य की जरूरतें पूरा करने के लिए सिर्फ 341 क्रशर और प्रोसेसिंग यूनिट कार्यरत हैं. 

 

संताल परगना के चार जिलों के लिए जारी किये गये हैं 60 लाख चालान

 

आइये अब बात करते हैं ई चालान का. न्यूज11 भारत ने पहले भी बालू के अवैध ट्रेड में संबंधित जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों की तरफ से ई-चालान निर्गत करने की पुष्टि की थी. इसमें यह हमने दिखाया था कि कैसे गढ़वा, पलामू और अन्य जिलों में रांची के डीएमओ, पलामू के डीएमओ और अन्य ने फर्जी चालान जेनरेट किया. खान एवं भूतत्व विभाग की बात करें, तो राज्य भर में परिवहन के लिए 2,62,950 ई परमिट जारी किये गये हैं. वहीं 3.24 करोड़ से अधिक ई-चालान जारी किया गया है. राज्य में निबंधित दो लाख वाहनों से मालों की ढुलाई की जाती है, जिसके लिए राज्य भर में 745 वे ब्रिज बनाये गये हैं और 818 से अधिक ट्रांसपोर्टरों को खान एवं भूतत्व विभाग से जोड़ा गया है. हम आपको यह बता दें कि जिस संताल परगना का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. वहां के पाकुड़ में 24.68 लाख ई-चालान जारी किया गया है. साहेबगंज जिले में 27.80 लाख ई-चालान जारी किया गया है. देवघर जिले में 7.67 लाख ई चालान जारी किया गया है. वहीं गोड्डा में 3.58 लाख चालान जारी किया गया है. सिर्फ चार जिलों में ही 60 लाख से अधिक ई-चालान जारी किया गया है.
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