संतोष श्रीवास्तव /न्यूज़ 11भारत
पलामू/डेस्क:- श्रम विभाग या ग्राम पंचायत को सूचना न देने और श्रमिक पंजीकरण न करवाने की समस्या लगातार सामने आ रही है. इस लापरवाही का खामियाजा तब भुगतना पड़ता है जब अप्रत्याशित घटनाएं घटित होती हैं, जैसा कि हाल ही में पाटन-छतरपुर थाना क्षेत्र के विसयापुर गांव के मनोज सिंह के साथ हुआ. दुःखद घटना: राजस्थान में हुई मनोज सिंह की मृत्यु विसयापुर गांव निवासी विजय सिंह के सुपुत्र मनोज सिंह लगभग एक साल पहले राजस्थान में एक कंपनी में काम करने गए थे. सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु हो गई. उनकी धर्मपत्नी को बड़ी मुश्किल से अपने पति का शव राजस्थान से अपने गांव लाना पड़ा.
डॉ. कौशल किशोर जायसवाल ने दी आर्थिक सहायता और जागरूकता का संदेश
इस दुखद घटना की सूचना मिलने पर पर्यावरणविद् डॉ. कौशल किशोर जायसवाल तुरंत मृतक मनोज सिंह के गांव विसयापुर पहुंचे. उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और अपनी ओर से कुछ आर्थिक सहायता भी प्रदान की. इस अवसर पर डॉ. कौशल किशोर जायसवाल ने समाज और विशेष रूप से गांव के हर वर्ग के युवाओं से महत्वपूर्ण अपील की. उन्होंने कहा कि जो भी युवा रोजगार के लिए बाहर जा रहे हैं, उन्हें अपनी सूचना पंचायत को अवश्य देनी चाहिए. इसके साथ ही, अपना बीमा और श्रम विभाग में पंजीकरण अवश्य करवाना चाहिए. डॉ. जायसवाल ने जोर देकर कहा कि ऐसा करने से किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अप्रिय घटना होने पर, परिवारजनों को सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक सहायता प्राप्त करने में काफी आसानी होगी. उनका यह संदेश उन हजारों युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है जो बेहतर भविष्य की तलाश में अपने घरों से दूर जा रहे हैं.
श्रम अधीक्षक ने कि अपील
सुरक्षित प्रवास के लिए श्रम विभाग में पंजीकरण अनिवार्य
यह घटना एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डालती है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और दूसरे राज्यों में काम करने वाले युवाओं के लिए पंजीकरण और बीमा कितना महत्वपूर्ण है. यह न केवल उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में उनके परिवारों को भी वित्तीय सहायता सुनिश्चित करता है.