न्यूज11 भारत, रांची
आज चालू वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन है. आज योजना मद के बजट राशि के अरबों रूपए की निकासी रांची और डोरंडा कोषागार से होगी. हालांकि वित्त विभाग इसके लिए पहले ही एक आदेश जारी कर चुकी है कि किसी भी कीमत पर 31 मार्च तक 15 प्रतिशत से अधिक की निकासी ना हो. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस आदेश का पालन होता है या नहीं. अगर नहीं होता तो मार्च लूट होगी, अगर मानी भी जाती है तो अरबों रूपए सरेंडर हो सकते हैं. विभिन्न विभागों से मिली जानकारी के अनुसार 30 मार्च तक 30 से 40 प्रतिशत राशि खर्च नहीं हो पाया है. यानि की आज या तो मार्च लूट होगी या फिर राशि रसेंडर.
जानकारी के अनुसार विभागों द्वारा पूर्व में जो राशि आवंटित की गयी है. उसकी भी पूरी निकासी अब तक नहीं हो पायी है. आवंटन के 15 प्रतिशत की राशि निकालने संबंधी आदेश की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई. रांची और डोरंडा कोषागार से सैंकड़ो विपत्र स्वीकृत किए जा चुके हैं. लगभग 12 करोड़ से अधिक की निकासी 30 मार्च को हुई. विपत्र स्वीकृति के इंतजार में विभिन्न कार्यालयों के कर्मी और संवेदक का आना-जाना कोषागार में जारी है.
यह है वित्त विभाग का निर्देश
मार्च माह के अंतिम 19 दिनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के कुल एलॉटमेंट का मात्र 15 फीसदी राशि ही विभागों से निकाला जा सकेगा. वित्त सचिव अजय कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी विभागों के प्रमुख, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलों के उपायुक्त और ट्रेजरी अफसरों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष का अंतिम महीना चल रहा है. इसलिए अधिक्कतम 15 फीसदी राशि ही निकाली जा सकेगी. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि केंद्र प्रयोजित योजनाओं और राज्य विधानसभा में प्रस्तुत तीसरे अनुपूरक बजट की ही पूरी राशि निकालने की स्वतंत्रता है. उन्होंने कहा कि विभागों को यह बताना होगा कि निकाली गयी राशि को दूसरी योजना में खर्च नहीं किया जाएगा.
केंद्र से मिलने वाली राशि को लेकर भी जारी किया है निर्देश
वित्त विभाग झारखंड ने केंद्र प्रयोजित योजनओं में केंद्र से मिली राशि और राज्य कोटे के अंतर्गत आने वाली योजना की राशि की भी निकासी की छूट दी गयी है. विभागों को स्थापना व्यय की राशि भी खर्च करने की अनुमति दी गयी है. बैंकों में जमा होने वाली राशि यानि पीएल खाते की भी 15 फीसदी हिस्से की निकासी हो सकेगी. यह सब मार्च लूट को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं, ताकि संबंधित विभाग 31 मार्च को यह नहीं कहें कि हमने योजना मद का 100 प्रतिशत खर्च कर दिया है. सभी निकासी, व्ययन पदाधिकारियों और कोषागार पदाधिकारियों को निकाली गयी राशि का बिल तैयार करने और उसे संबंधित अधिकारी से पारित करवाने का आदेश भी दिया गया.