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रांचा/डेस्क: आज देश में करवा चौथ मनाया जा रहा है. करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक रखती हैं. यह त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का त्यौहार शादी शुदा औरतों के लिए बहुत मायने रखता है. उत्तर भारत में यह त्योहार बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. हालांकि, अब इसका प्रचलन पूरे भारत के साथ-साथ विदेशों में भी होने लगा है. नवरात्रि और दशहरा के बाद अब करवाचौथ, धनतेरस, दिवाली, नरक चतुर्दशी और भाई दूज त्योहार मुख्य हैं.
इस बार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा. करवा चौथ का व्रत शादीशुदा महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती हैं. विवाहिता महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना कर अपनी पति की लंबी आयु का वरदान मांगती है.
कैसे मनाया जाता है करवा चौथ
परंपरा के अनुसार, शादीशुदा महिलाएं को सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. सास द्वारा बनाई गई सरगी खानी चाहिए. फिर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. शादीशुदा महिलाएं 16 श्रृंगार करती है. सुंदर कपड़े पहनती है. हाथों में मंहदी लगती है. शाम में महिलाएं एक जगह जुट जाती है. जिसमें लोकगीत होता है और पूजा करने के साथ कथाएं पढ़े जाते है. तब रात में चांद का इंतजार करती है. चांद का इंतजार खत्म होने के बाद करवा चौथ के दिन उपवास तोड़ने के लिए, पत्नियां पूजा करने के बाद चांद की पूजा करती हैं और छलनी से चांद को निहारती हैं. फिर उसी छनली से अपने पति को देखती हैं. यह रीति रिवाज खत्म होने के बाद पति पानी पिलाकर अपनी पत्नी का व्रत खोलती हैं.
चांद का दीदार और पूजा करने का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के दिन यानी आज 1 नवंबर को पूजा करने के लिए तीन शुभ मुहूर्त है. सुबह 7 बजकर 55 मिनट से लेकर 9 बजकर 18 मिनट तक है. इसके बाद 10 बजकर 41 मिनट से लेकर 12 बजकर 4 मिनट तक है. शाम के लिए शुभ मुहूर्त 4 बजकर 13 मिनट से शाम में 5 बजकर 36 मिनट तक है. वहीं, करवा चौथ पर चांद का दीदार करने के लिए सभी शहरों में अलग-अलग समय पर चांद दिखाई देता है. रांची में चंद्रोदय का समय 8 बजकर 56 मिनट पर होगा.
पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रहे है तो अपनाएं ये चीजें
अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही है तो ये इन बातों का ध्यान दें तो बिना थके व्रत रख सकती है. करवा चौथ के दिन सुबह-सुबह अपनी सरगी खत्म करने के बाद थोड़ी देर तक आराम करें. इस दिन आप अपने आपको ज्यादा काम में व्यस्त ना रहें. ध्यान रखें इस दिन ऑयली और फ्राइड फूड ना खाएं. ऑयली और फ्राइड खाना से दूर रहें. क्योंकि अगर आपने सुबह पराठा या पकोड़ा खाया है तो आपको उपवास के दौरान चक्कर भी आ सकता है. साथ ही चाय या कॉफी का सेवन न करें, चाय या कॉफी इंसान को डिहाइड्रेट करता है. इसके बदले आप ग्रीन टी या जूस पी सकती हैं. अपने सरगी में फल को अवश्य शामिल करें. जिससे आपको एनर्जी मिलेगा. सरगी की थाली में हेल्दी और लाइट खाएं.