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रांची/डेस्कः- नीट पेपर लीक मामले में झारखंड लीक के सेंटर के रुप में उभर कर सामने आ रहा है. सीबीआई की जांच में झारखंड से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. सीबीआई की टीम अब तेजी से संजीव मुखिया और राकी को तलाश कर रही है. सीबीआई के हत्थे चढ़े
एहसान उल हक, इम्तियाज, जमालुद्दीन और अमन सिंह से पूछताछ के दौरान सीबीआइ को झारखंड से जु़ड़े कई महत्वपूर्ण सुरागों की जानकारी मिली है. पूछताछ में पेपर लीक से जुड़े कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं. रिमांड पर लिए गए आरोपियों से बारी-बारी से नीट पेपर लीक मामले के मास्टर माइंड, पैसे के लेनदेन, अभ्यर्थियों की सही संख्या, फरार संजीव मुखिया और रॉकी के बारे में पूछताछ की जा रही है. साथ ही, पेपर के लिए निर्धारित पैसे सहित अन्य जानकारियों के बारे में भी जांच तेज चल रही है. आरोपियों को आमने-सामने बैठा करके क्रॉस वेरिफिकेशन भी कराया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो बिहार से खुलासा हुए नीट पेपर लीक मामले में हर राज्य तक प्रश्नपत्र झारखंड से भेजे गए थे
क्या कहा है बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू)
पटना के शास्त्री नगर पुलिस की ओर से पांच मई को दर्ज करायी गई एफ़आईआर के मुताबिक पांच मई को वो गश्त पर थे और उन्हें दोपहर 2.05 बजे नीट परीक्षा से संबंधित पेपर लीक गिरोह की सूचना मिली.एफ़आईआर के अनुसार, सूचना मिलने पर उन्होंने झारखंड नंबर की एक संदिग्ध कार को रोका और तलाशी के दौरान गाड़ी में सिकंदर यादवेंदू, अखिलेश कुमार और बिट्टू कुमार को हिरासत में लिया गया. गाड़ी में कुछ छात्रों के एडमिट कार्ड की फोटोकॉपी, एप्पल फोन सहित कुछ अन्य फोन भी बरामद हुए. मामले में पेपर सेटर संजीव सिंह, रॉकी, नीतीश एवं अमित आनंद के माध्यम से इसे अंजाम दिया जा रहा है.लपटना में कुल 13 लोगों को गिरफ़्तार किया गया जिसमें कथित परीक्षा लीक के संगठित गिरोह के सदस्य व अभ्यर्थी शामिल थे.
ईओयू ने किया एसआईटी का गठन
बिहार की आर्थिक अपराध इसकी जांच को अपने हाथ में ले लिया है और 17 मई को एसआईटी का गठन किया गया.
आर्थिक अपराध इकाई ने अपने बयान में बताया कि जांच के दौरान पटना के रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र के नंदलाल छपरा स्थित ‘लर्न बॉयज हॉस्टल एंड प्ले स्कूल’ में प्रश्न पत्र लीक के सूत्रधारों में से एक बालदेव कुमार उर्फ चिंटू को झारंखड के देवघर जिले के एक फॉर्म हाउस से गिरफ़्तार किया गया. ईओयू के अनुसार, बालदेव कुमार प्रश्न-पत्र लीक कांड के पेशेवर अपराधी संजीव कुमार उर्फ लुटन मुखिया गिरोह से संबंध रखता है. बता दें परीक्षा के सॉल्वड प्रश्न पत्र इसी गिरोह के मोबाईल पर मिले थे. एसआईटी के अनुसार, बालदेव कुमार को पांच मई की सुबह मोबाइल पर हल किए गए प्रश्न पत्र की पीडीएफ़ फाइल मिली थी. इसे स्कूल में रखे वाई-फाई प्रिंटर से उसकी प्रतियां निकाल कर अभ्यर्थियों के ग्रुप बनाकर उन्हें रटवाया गया था. जांच के दौरान इसी स्कूल से अधजले प्रश्नपत्र मिले. इसका रेफरेंस क्वेश्चन पेपर एनटीए की तरफ से आर्थिक अपराध इकाई को उपलब्ध करायी गई.
झारखंड में भेजे गए थे जले गए प्रश्नपत्र की सीरियल कोड
20 जून को एनटीए ने बिहार एसआईटी को अधजले प्रश्न पत्र से संबंधित डिटेल भेजा. एनटीए ने बताया कि बरामद अधजले जब्त प्रश्न पत्र पर जो सीरियल कोड है, वो झारखंड के हजारीबाग जिले के ओएसिस स्कूल परीक्षा केंद्र का है. इसके बाद 21 जून को एसआईटी हजारीबाग पहुंच मामले की जांच में जुट गई. जांच में खुलासा हुआ कि इसी स्कूल से प्रश्न पत्र की पैकिंग ट्रक में छेड़छाड़ की गई है.
पुलिस ने स्थानीय एसबीआई बैंक, बैंक तक कूरियर के माध्यम से प्रश्नपत्र पहुंचाने वाली कंपनी ब्लू डार्ट के रांची स्थित कार्यालय के कर्मियों से पूछताछ की.
जांच और गिरफ़्तारियां
25 जून को सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम सबसे पहले हजारीबाग पहुंची. टीम ने सबसे पहले एसबीआई मुख्य ब्रांच में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला फिर बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की.
26 जून को ओएसिस स्कूल के प्राचार्य एहसानुल हक़ सहित 10 लोगों को हिरासत में लिया.
27 जून को सीबीआई ने पटना से मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार को गिरफ़्तार कर लिया. बता दें कि आशुतोष उस स्कूल के संचालक हैं, जहां बच्चों को रखा गया था और प्रश्नपत्र रटवाया गया था.
28 जून को सीबीआई ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक़ के कॉल डिटेल खंगाला. जिससे पता चला कि परीक्षा से पहले और बाद में स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन से सबसे अधिक बात की गई है.वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन को गिरफ़्तार कर पटना ले गई.
29 जून की सुबह सीबीआई बेउर जेल पहुंची और सभी 16 अभियुक्तों से अलग-अलग और कुछ से संयुक्त रूप से पूछताछ की.
यहां रटवाए गए प्रश्नों के उत्तर
छानबीन में यह बात सामने आई है कि मनीष प्रकाश ने चिंटू और संजीव मुखिया के कहने पर खेमनीचक में लर्न्ड एंड प्ले स्कूल और इसके ब्यॉज हॉस्टल में परीक्षार्थियों को नीट परीक्षा के एक दिन पहले 4 मई की रात को ठहराने की व्यवस्था की थी. यहीं अभ्यर्थियों को नीट के प्रश्न-पत्र एवं उत्तर रटवाये गए थे.