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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिले झारखंड के स्वस्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, 6 मेडिकल कॉलेज खोलने का रास्ता साफ

अब झारखंड नहीं जाएगा बाहर इलाज के लिए — 4000 करोड़ की लागत से बनेगी अत्य आधुनिक मेडिको सिटी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिले झारखंड के स्वस्थ्य मंत्री इरफान अंसारी,  6 मेडिकल कॉलेज खोलने का रास्ता साफ

न्यूज़ 11भारत


रांची/डेस्क:- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी आज दिल्ली स्थित निर्माण भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से सौजन्य भेंट के लिए पहुँचे. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय के तमाम वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे. मंत्री डॉ. अंसारी ने न केवल केंद्रीय मंत्री को झारखंडी हस्तनिर्मित अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई गंभीर और दूरदर्शी मांगें भी मजबूती से रखीं.

 

बैठक के दौरान डॉ. इरफान अंसारी ने झारखंड में मेडिको सिटी की मांग को प्राथमिकता दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन सीमित संसाधनों के कारण उन्हें अक्सर दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है. स्वास्थ्य सेवाओं को समर्पित एक सम्पूर्ण मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (मेडिको सिटी) राज्य के लिए आवश्यक है.


 

डॉ. अंसारी ने NMC नॉर्म्स का हवाला देते हुए बताया कि झारखंड जैसे राज्य में जनसंख्या अनुपात के हिसाब से कम से कम 39 मेडिकल कॉलेज होने चाहिए, जबकि वर्तमान में केवल 9 ही हैं. उन्होंने 6 नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी की मांग करते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार की स्वीकृति अनिवार्य है.

 

राज्य में 213 इंपैनल्ड अस्पतालों के आयुष्मान भारत (PMJAY) योजना के तहत लंबित भुगतान पर भी मंत्री ने चिंता जताई. उन्होंने बताया कि ED के हस्तक्षेप के कारण भुगतान बाधित है, जिससे मरीजों और अस्पतालों को गंभीर दिक्कतें हो रही हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री ने त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को शीघ्र निष्पादन के निर्देश दिए.

 

डॉ. अंसारी ने संथाल परगना में एम्स स्थापना पर केंद्रीय सरकार का आभार जताते हुए राजधानी रांची में भी एम्स की स्थापना की मांग की. उन्होंने कहा कि रांची राज्य की चिकित्सा गतिविधियों का केंद्र है और वहां एक एम्स की सख्त जरूरत है. साथ ही उन्होंने 100 वर्ष पूर्ण कर चुके रिनपास को अपग्रेड करने की भी मांग की. उन्होंने इस मौके पर नड्डा जी को रिनपास के शताब्दी समारोह में आमंत्रित किया और रांची से उनके व्यक्तिगत जुड़ाव की भी चर्चा की.

 

स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में नकली दवाओं की बढ़ती समस्या को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और मेडिसिन टेस्टिंग लैब खोलने की मांग रखी. केंद्रीय मंत्री ने इस पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए दो टेस्टिंग लैब्स देने की स्वीकृति दी, जो राज्य की फार्मेसी सुरक्षा को मजबूत करेगा.

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने डॉ. अंसारी की सभी मांगों को गंभीरता से सुनते हुए विभाग को निर्देशित किया कि झारखंड को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में पूरा सहयोग मिले. उन्होंने मेडिको सिटी के लिए आर्थिक सहयोग और रांची में एम्स की घोषणा करते हुए भरोसा दिया कि जल्द ही इस दिशा में कार्य होगा.

 

बैठक के उपरांत डॉ. इरफान अंसारी ने कहा —

“हमने जो मांगा, वह हमारा हक था — और आज हमने अपना हक केंद्र से लिया है. स्वास्थ्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना मेरा संकल्प है और मैं इसे हर हाल में पूरा करूँगा.”

 

उन्होंने यह भी कहा कि यह अफसोस की बात है कि ये काम पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन अब वह खुद डॉक्टर होने के नाते स्वास्थ्य सेवा के हर पहलू को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझकर निर्णय ले रहे हैं और उसका सीधा लाभ झारखंड की जनता को मिल रहा है.

 

उन्होंने यह भी ज़िक्र किया कि रिम्स-2 जैसे प्रोजेक्ट का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य क्षेत्र में राजनीति नहीं होनी चाहिए. ये जनता की ज़िंदगी का सवाल है.” इस पर केंद्रीय मंत्री ने समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि यह विरोध अनुचित है और उन्हें जानकारी दी जाए कि कौन लोग इसमें बाधा पहुँचा रहे हैं.

 

डॉ. अंसारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली बैठकों की सीमाओं का उल्लेख करते हुए आग्रह किया कि सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों को समय-समय पर दिल्ली बुलाया जाए ताकि संवाद में स्पष्टता आए. इस पर केंद्रीय मंत्री ने हामी भरी और कहा कि भविष्य में इस पर अमल किया जाएगा.

 

यह बैठक सिर्फ औपचारिकता नहीं थी — यह झारखंड के स्वास्थ्य भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक मोड़ था. डॉ. इरफान अंसारी ने यह साबित कर दिया कि अगर नीयत साफ हो और नज़रें दूर तक देख सकें, तो कम समय में भी बड़ी लकीर खींची जा सकती है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने जो संकल्प लिया है, उसे साकार करने के लिए केंद्र और राज्य अब एक साथ खड़े हैं.

 
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