न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: ईरान और इजराइल इस समय युद्ध में बुरी तरह से फंसे हुए हैं. अब तो अमेरिका ने भी ईरान-इजराइल युद्ध में इंट्री मार ली है. जब से ईरान और इजराइल में युद्ध शुरू हुआ है तब से यह आशंका जतायी जा रही है कि कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे और दुनिया भर में तेल की कीमतों में इजाफा होगा. भारत भी इस आशंका से ग्रसित था. क्योंकि भारत जैसे विशाल देश में ईंधन की कीमतों के बढ़ने के साथ ही महंगाई बढ़नी शुरू हो जाती है. जाहिर है इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है.
इन तमाम आशंकाओं के बीच एक बड़ी राहत की खबर आ रही है. खबर है कि भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदने का फैसला कर लिया है. इसके लिए तेल कंपनियों ने जून महीने से ही हर दिन 20 से 22 लाख बैरल कच्चा तेल मंगाना शुरू कर भी दिया है. बताया तो यह भी जा रहा है कि तेल की यह मात्रा इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कुवैत से खरीदे गये तेल की तुलना में ज्यादा है. मई में भारत ने रूस से 19.6 लाख बैरल तेल प्रतिदिन मंगाया है. अब यह आंकड़ा और बढ़ गया है.
भारत ने जब से रूस से तेल मंगाना शुरू किया है. तब से अमेरिका इसका विरोध कर रहा है. अमेरिका यह नहीं चाहता कि रूस की अर्थव्यवस्था मजबूत हो, क्योंकि भारत विश्व में उन देशों में शुमार है जहां तेल के आयात की मात्रा अप्रत्याशित है. मगर भारत ने इसकी परवाह नहीं कि और रूस से लगातार तेल मंगा रहा है. फरवरी, 2022 में जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था उसके कुछ ही दिनों बाद से भारत ने रूस से तेल मंगाना शुरू किया था. भारत को रूस से तेल मंगाना चूंकि सस्ता पड़ता है इसलिए भारत ने वहां से लगातार तेल आयात किया है.