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रांची/डेस्कः धनबाद जिले में अवैध कोयला खनन की गतिविधियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं. बीसीसीएल और अन्य कोल कंपनियों की तरह, तस्कर भी अब बड़े पैमाने पर मशीनों का उपयोग करके जमीन के नीचे से कोयला निकाल रहे हैं. हाल ही में बीसीसीएल की कार्रवाई के दौरान इस अवैध खनन का खुलासा हुआ है. जिस क्षेत्र में यह खनन हो रहा था, वहां बीसीसीएल की टीम अब उसे भरने के कार्य में जुट गई है.
पोकलेन से अवैध कोयला खनन
मामला धर्माबांध और सोनारडीह ओपी क्षेत्र का है, जहां माफियाओं ने बड़े पैमाने पर जमीन को खोदकर अवैध रूप से कोयला निकालने का कार्य किया है. यहां देखने से ऐसा लगता है कि किसी आउटसोर्सिंग कंपनी के ओपन कास्ट माइंस जैसा प्रतीत होता है, जहां पोकलेन मशीनों का उपयोग करके जमीन के नीचे से कोयला निकाला जा रहा है। थाना से इन अवैध खदानों की दूरी केवल आधा से एक किलोमीटर है, जबकि बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्रीय कार्यालय से यह स्थान महज 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके बावजूद, यहां अवैध कोयला खनन का कार्य जारी है.
बता दें कि धर्माबांध ओपी क्षेत्र के बंगाली धोड़ा के निकट अवैध कोयला खदान की भराई के लिए बीसीसीएल, सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस की टीम पहुंची, जहां उन्होंने खदान के विशाल क्षेत्र में की गई खुदाई को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया. टीम ने जेसीबी मशीन की सहायता से भराई का कार्य शुरू कर दिया है, जबकि यह खदान जंगल के बीचोंबीच संचालित हो रही है. तस्करों द्वारा सैकड़ों पेड़ों को काटा गया है, और बड़े वाहनों की कोयला तस्करी के कारण ग्रामीण जलापूर्ति का पाइप भी क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसे ग्रामीण स्वयं ठीक करने में जुटे हैं. उल्लेखनीय है कि धर्माबांध और तेतुलिया के जंगलों में अभी भी कई अवैध कोयला खदानें सक्रिय हैं, जबकि बीसीसीएल, सीआईएसएफ और पुलिस की कार्रवाई प्रभावी साबित नहीं हो रही है.