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रांची/डेस्क: रांची पुलिस ने साइबर अपराध के बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी नामकुम के महुआ टोली क्षेत्र में की गई, जहां एक छापेमारी के दौरान इन साइबर अपराधियों के पास से कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए. गिरफ्तार अपराधियों में एक नवादा (बिहार) और दो लखीसराय (नालंदा) के निवासी शामिल हैं. पुलिस ने इनके पास से 12 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, 15,000 से अधिक कूपन, एटीएम कार्ड और अन्य समान बरामद किए हैं. ये अपराधी लंबे समय से साइबर ठगी में लिप्त थे और लोगों को फेसबुक व गूगल पर विज्ञापन डालकर झांसा देते थे.
मास्टरमाइंड का खुलासा
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि गिरोह का मास्टरमाइंड एक पूर्व आयुर्वेदिक कंपनी का कर्मचारी था. उसने कंपनी का डेटा चुराकर ठगी का बड़ा नेटवर्क चलाया था. इसने लोगों को झांसा देने के लिए तुलसी आयुर्वेदिक फर्म के नाम पर पंपलेट और कूपन तैयार किए थे.
ठगी का तरीका
साइबर अपराधी फेसबुक और गूगल पर आकर्षक विज्ञापन डालकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. वे "लॉन प्रोसेस" के नाम पर बड़े पैमाने पर रकम ऐंठते थे और इस ठगी का शिकार बने लोग कुछ भी संदेह नहीं करते थे. इसके जरिए आरोपियों ने लाखों रुपये की धोखाधड़ी की थी.
पुलिस की कार्रवाई
रांची पुलिस ने इस मामले की गहरी छानबीन करते हुए इन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया. पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और ठगी के शिकार लोगों से भी संपर्क कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके. यह गिरफ्तारी रांची पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिसने साइबर अपराधियों के गिरोह को पर्दे के पीछे से बाहर ला खड़ा किया.