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गोलाकार और छोटी क्यों होती हैं हवाई जहाज की विंडो, जानें इसके पीछे का कारण

गोलाकार और छोटी क्यों होती हैं हवाई जहाज की विंडो, जानें इसके पीछे का कारण
न्यूज़11 भारत

रांची/डेस्क: 
 हवाई जहाज में उड़ते समय लोग खिड़की वाली सीट लेना पसंद करते हैं, क्योंकि वहां से नज़ारा बहुत खूबसूरत होता है. ऊंचाई से नीचे देखना, बादल के बीच से गुजरना और सूरज की रोशनी में चमकते पहाड़ सबको भाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज की खिड़कियां चौकोर होने की बजाय कोनों से घुमावदार या गोलाकार क्यों होती हैं? इसका कारण साइंस में छिपा हुआ है. जब हवाई जहाज उड़ता है, तो अंदर और बाहर के वायुमंडल के दबाव में भिन्नता होती हैं. चौकोर खिड़कियों में दबाव के कारण दरारें आ सकती हैं, जो खतरनाक हो सकती हैं. जबकि घुमावदार या गोलाकार खिड़कियां दबाव को बेहतर तरीके से फैलाती हैं और इसलिए वे सुरक्षित होती हैं.  इस तरह, खिड़कियों का डिजाइन न केवल सुंदर होता है, बल्कि हमारी सुरक्षा भी प्रदान करता है. 

 

हवाई जहाज की विंडो हमेशा से नहीं होती थी गोलाकार 

हमेशा से हवाई जहाज की विंडो गोल नहीं थी. पहले हवाई जहाजों में चौकोर विंडो हुआ करते थे. यह बदलाव तब आया जब हवाई यात्रा की लोकप्रियता बढ़ने लगी. पहले के हवाई जहाजों की गति कम होती थी और वे बहुत ऊंचाई पर नहीं उड़ते थे. इसके कारण, हवाई जहाजों को उड़ान के लिए ज्यादा ईंधन की जरूरत पड़ती थी. जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई, नई तकनीक का विकास हुआ. इसके साथ ही हवाई जहाजों का डिजाइन और उनके विंडो का आकार भी बदला गया. गोल विंडो का इस्तेमाल अधिक सुरक्षित और ईंधन-कुशल होता है.  आजकल, हवाई जहाज तेजी से उड़ान भरते हैं और ऊंचाई पर जाकर कम ईंधन का उपयोग करते हैं.

 

इन हादसों  के वजह से बदला था प्लेन के खिड़कियों का आकार

 

बता दें कि करीब 118 साल पहले, यानी 17 दिसंबर 1903 को राइट ब्रदर्स ने हवाई जहाज का अविष्कार किया था. यह एक बहुत बड़ा कदम था, जिसने यात्रा के तरीके को बदल दिया. तब हवाई जहाज की खिड़कियां चौकोर या आयताकार थी, ठीक वैसे ही जैसे एससी ट्रेनों में होती हैं. ये चौकोर खिड़कियां काफी समय तक इस्तेमाल की गईं, और 50 के दशक तक हवाई जहाज इसी डिजाइन में उड़ते रहे. हालांकि, साल 1953 में एक गंभीर घटना हुई जब हवा में दो हवाई जहाजों के हादसे हुए. इन हादसों में करीब 56 लोगों की जान चली गई, जो बहुत दुखद था. यह घटना हवाई यात्रा की सुरक्षा के लिए एक चेतावनी के रूप में याद की जाती है. इसके बाद से एयरलाइन कंपनियों ने सुरक्षा नियमों को और मजबूत किया और हवाई जहाजों के डिजाइन में भी बदलाव किए, जिससे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ी. 

 



जांच से पता चला कि एक बड़े हादसे का कारण हवाई जहाज की वर्गाकार खिड़कियां थीं. इन खिड़कियों के चारों किनारों पर जब प्रेशर पड़ता है, तो तेज हवा के दबाव में वे चटखने का खतरा पैदा कर सकती थीं. वर्गाकार खिड़कियों के कारण हादसे की संभावना बढ़ जाती थी, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा होता था. इस चिंतन के बाद, कुछ हवाई जहाजों में प्रयोग के लिए गोल और अंडाकार आकार की खिड़कियां बनाने का निर्णय लिया गया. यह नया डिज़ाइन हवा के दबाव को बेहतर तरीके से सहन कर सकता है, जिससे सुरक्षा में सुधार हुआ है. इस तरह के बदलाव ने हवाई यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाया है, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान एक बेहतर अनुभव मिल सके. हवाई जहाजों में इन नए खिड़कियों के प्रयोग से भविष्य में हादसों की संभावना कम होने की उम्मीद है.

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