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रांची/डेस्क: आज के दौर में जहां टेक इंडस्ट्री में छंटनी का दौर जारी है, वहीं एक ऐसी डिग्री भी है जो आपको न सिर्फ नौकरी की गारंटी देती है, बल्कि करोड़ों का पैकेज भी. हम बात कर रहे है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में पीएचडी की. इस डिग्री को हासिल करने वालों को गूगल, मेटा और ओपनएआई जैसी दिग्गज कंपनियां खुद नौकरी का ऑफर देती हैं.
क्यों है इतनी डिमांड?
टेक इंडस्ट्री में टॉप-लेवल के AI रिसर्चर्स की जबरदस्त डिमांड हैं. कंपनियां चाहती हैं कि उनके पास सबसे बेहतरीन AI एक्सपर्ट्स हो. यही वजह है कि AI में पीएचडी की डिग्री रखने वाले लोगों की सैलरी आसमान छू रही हैं.
बदला नौकरी पाने का तरीका
अब तक नौकरी के लिए लोग खुद कंपनियों में अप्लाई करते थे. लेकिन AI में पीएचडी होल्डर के लिए यह तरीका बदल गया हैं. कंपनियां खुद रिसर्चर्स को ढूंढती हैं. वे एकेडमिक पब्लिकेशन्स और रिसर्च पेपर्स का विश्लेषण करके टॉप AI रिसर्चर्स की पहचान करती है और फिर सीधे उनसे संपर्क करती हैं. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी अपनी नई सुपरइंटेलिजेंस टीम के लिए खुद AI रिसर्चर्स से संपर्क कर रहे हैं.
करोड़ों में है पैकेज
AI की फील्ड में टैलेंट की कमी के कारण कंपनियां अच्छे रिसर्चर्स को लाने के लिए मोटी सैलरी देने से हिचक नहीं रही हैं.
- मेटा: सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, मेटा के टॉप AI रिसर्च इंजीनियर्स को सालाना 4.40 लाख डॉलर (लगभग 3.85 करोड़ रुपये) तक की सैलरी मिलती हैं. इसमें स्टॉक ऑप्शन और बोनस शामिल नहीं हैं.
- ओपनएआई: ओपनएआई अपने रिसर्च साइंटिस्ट को 5.50 करोड़ रुपये से 12 करोड़ रुपये तक का सालाना पैकेज दे रहा हैं.
- गूगल डीपमाइंड: गूगल में सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट का सालाना पैकेज 8 करोड़ रुपये तक हो सकता हैं.
कैसे करें AI में पीएचडी?
अगर आप भी इस फील्ड में करियर बनाना चाहते है तो आपको सबसे पहले कंप्यूटर साइंस, मशीन लर्निंग या अप्लाइड मैथमेटिक्स में बैचलर या मास्टर डिग्री लेनी होगी. इसके अलावा, कैलकुलस, लीनियर अलजेब्रा और प्रोबेबिलिटी थ्योरी में अच्छी कमांड होनी चाहिए. इसके बाद आप किसी भी अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं. पीएचडी के दौरान, आपको AI से जुड़ी किसी समस्या पर वर्षों तक रिसर्च करनी होगी और आखिर में एक थीसिस तैयार करनी होगी, जो इस फील्ड में नए ज्ञान का योगदान देगी.