न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्कः- यूपी के संभल से मनरेगा के तहत एक कथित धोखाधड़ी मामला सामने आया है, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगो को मजदूर दिखाया गया है. अधिकारी ने बताया कि यह घोटाला संभल जिले के पंवासा ब्लॉक के अतरासी गांव की है.
एक एजेंसी ने बताया कि मौजूदा ग्राम प्रधान के उपर आरोप है कि उन्होने मृतक ग्रामीण के नाम पर जॉब कार्ड बना कर कागज पर गलत तरीके से काम पूरा दिखा कर मजदूरी निकाल ली गई है. जिला प्रशासन द्वारा जांच पड़ताल शुरु कर दी गई है, ग्राम प्रधान से वसूली की जा रही है.
संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि यह मामला लगभग 7 महीने पहले संज्ञान में आया था, उन्होने कहा कि गबन अगर 10 प्रतिशत से कम का होता है तो संबंधित अधिकारी द्वारा इसकी वसूली की जाती है. इसके बाद अन्य विकास कार्यों की भी जांच की जा रही है.
मजेदार बात ये है कि मजदूरो की सूची में एक इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल भी शामिल है. प्रिंसिपल ने कहा कि उनके जानकारी के बिना ही उनके नाम का जॉब कार्ड बना दिया गया था. उसने कहा कि कभी वे मनरेगा के तहत काम नहीं किया है. फिर भी नाम दर्ज है और मेरे नाम से पैसे भी निकाल लिए गए हैं. जांच में पूछताछ के लिए बुलाया भी गया.
संजीव कुमार नाम का एक स्थानीय निवासी ने कहा कि उनके दादा जगत सिंह का निधन 2020 में हो गया था, उन्हे इस बात की कोई जानकारी बी नही थी औऱ मजदूरी का पैसा निकाल ली जा रही थी. जब अधिकारी जांच पड़ताल में आए तो पता चला कि एक दर्जन से अधिक मृत व्यक्ति के नाम से जॉब कार्ड बने हुए हैं. कई लोग ऐशे भी हैं जो गांव में रहते ही नहीं फिर भी उनके नाम का जॉब कार्ड बना हुआ है.
बताते चलें कि मनरेगा ग्रामीण परिवार को साल में कम से कम 100 दिन की गारंटी रोजगार प्रदान करती है.