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रांचीः जेल से कैदी को छुड़ाने समेत अन्य मामले में 24 जनवरी (मंगलवार) को बाघमारा से बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो को झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. बता दें, विधायक ढुल्लू महतो पर पुलिस के साथ मारपीट, वर्दी फाड़ने और जेल से कैदी को छुड़ाने सहित सरकारी काम में बाधा डालने के गंभीर आरोप लगे है. इस मामले पर आज सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने उन्हें जमानत दी. अदालत ने 4 महीने से अधिक की सजा पूरी होने के ग्राउंड पर उन्हें जमानत दी है. कोर्ट ने इसी मामले में विधायक ढुल्लू महतो के अलावे राजेश गुप्ता और चुनमुन गुप्ता को भी जमानत दी हैं.
बता दें, वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिए जाने के मामले में विधायक ढुल्लू महतो ने 9 जनवरी को अदालत में सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने विधायक की याचिका पर 12 दिसंबर को चार सप्ताह के अंदर निचली अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया था. वहीं विधायक ने इसे लेकर गोपनीय और नाटकीय अंदाज में धनबाद अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक सिंह की अदालत में सरेंडर किया था.
आपको बता दें, मामले में धनबाद के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने उन्हें 18 महीने की सजा सुनायी थी. इस फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में विधायक ने चुनौती दी थी. इधर, हाईकोर्ट ने विधायक ढुल्लू महतो पर चल रहे सभी मामलों का लोवर कोर्ट रिकार्ड मांगते हुए निचली अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया था. इससे पहले रविवार 8 जनवरी को अचानक बीमार पड़ने के बाद विधायक को पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था.
जानें पूरा मामला
शिखा अग्रवाल की अदालत ने साल 2019 के 9 अक्टूबर को विधायक ढुल्लू महतो समेत कांड के नामजद 5 आरोपियों को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिए जाने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में डेढ़-डेढ साल की साधारण कारावास साथ ही 9 हजार रूपए जुर्माना से दंडित किया था. वहीं, इस मामले में अदालत ने नामजद आरोपी बसंत शर्मा को बाईज्जत बरी कर दिया था. साल 2019 के 4 नवंबर आरोपियों ने सेशन कोर्ट में कुल 4 अपील दायर कर सजा के आदेश को चुनौती दी थी.
हाईकोर्ट ने दिया था सरेंडर का आदेश
वहीं, सत्र न्यायालय ने विधायक समेत सभी अन्य आरोपियों की अपील 24 अगस्त 2022 को खारिज कर दी थी. जिसे विधायक ढुल्लू महतो समेत सभी ने झारखंड उच्च न्यायालय में रिवीजन याचिका दायर कर खारिज याचिका को चुनौती दी थी लेकिन इसस पहले विधायक ढुल्लू महतो ने निचली अदालत में सरेंडर नहीं किया था. लिहाजा उच्च न्यायालय ने उन्हें पहले सरेंडर करने का आदेश दिया था.
बता दें, विधायक ढुल्लू महतो पर पुलिस के साथ मारपीट, वर्दी फाड़ने और जेल से कैदी को छुड़ाने सहित सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप है. एमिड कोल इंटरप्राईजेज के मुंशी गौरी शंकर सिंह ने बाघमारा से बीजेपी विधायक ढुल्लू के समर्थक राजेश गुप्ता सहित 3-4 अन्य लोगों पर रंगदारी मांगने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी.