न्यूज 11 भारत
रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि रातू के अंचल अधिकारी प्रदीप कुमार पर क्यों नहीं विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है. सिमलिया मौजा के खाता 194 के प्लाट संख्या 3158, 3478, 3611, 3744, 3773 के मामले पर सुरजी देवी और अन्य ने झारखंड सरकार के खिलाफ रिट याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता के अनुसार यह जमीन जमींदार राजा ठाकुर महेंद्र नाथ शाहदेव ने कापुलियत पट्टा से 2.2.1946 में खरीदी थी. जिसे कतिपय लोगों ने खरीद-बक्री कर दी. इससे मूल रैयतों को वंचित होना पड़ रहा है. याचिका की 20 दिसंबर 2021 को हुई सुनवाई के दौरान राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव से सात दिनों के अंदर कोर्ट को गलत जवाब देने और गुमराह करने के बाबत कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया था. आज सुनवाई की तारीख तय की गयी थी. सरकार की ओर से दाखिल किये गये जवाब पर कोर्ट असंतुष्ट दिखा. कोर्ट ने कहा कि झारखंड सरकार के अंचल अधिकारी कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं करते हैं.
राज्य के कई अंचल अधिकारी, जो भूमि के दस्तावेजों के रख-रखाव के जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं, जिन्हें स्टेट ऑफ झारखंड के रेवेन्यू रिकार्ड को ठीक तरीके से संभाल के रखना है. वे जमीन के दस्तावेजों में हेर फेर करने और दस्तावेजों में गड़बड़ी के किंग पिन बन गये हैं. इनकी वजह से अंचलों में जमीनों के दस्तावेजों की स्थिति खराब और अविष्मयकारी हो गयी है. अदालत ने यह भी कहा कि जब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह आदेश दिया गया था कि वे इस मामले में अंचल अधिकारी को शपथ पत्र दायर करने के लिए अधिकृत नहीं करें, तो फिर क्यों उनसे हलफनामा दायर कराया गया. कोर्ट में रातू सीओ प्रदीप कुमार ने पहले 7.9.2021 औऱ् फिर 28.9.2021 को पूरक हलफनामा दायर किया था. इससे कोर्ट और नाराज हो गया और कोर्ट ने कहा क्या कोर्ट को गुमराह करने के लिए एफीडेविट दायर किया गया था. कोर्ट ने क्या आदेश पूर्व की सुनवाई में दिया है. उसका अनुपालन कौन करेगा.