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रांची/डेस्क: झारखंड में मानसून ने पूरी ताकत के साथ दस्तक दी है, और राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. रांची से लेकर पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम तक बारिश का कहर जारी है. मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. विशेष कर सिंहभूम क्षेत्र से जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति की खबरें सामने आ रही हैं. घाटशिला और बहरागोड़ा जैसे इलाकों में पानी भर जाने से ग्रामीणों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सड़कें, बाजार और स्कूल पानी में डूब चुके हैं.
स्कूल में फंसे 162 छात्र, रातभर छत पर बिताई रात
सबसे चिंताजनक घटना पूर्वी सिंहभूम के कोवाली थाना क्षेत्र से सामने आई है, जहां एक आवासीय विद्यालय में भारी बारिश के चलते चारों ओर पानी भर गया और स्कूल जलमग्न हो गया. हल्दीपोखर-कोवाली रोड स्थित पंडरसोली गांव में शनिवार रात यह हादसा हुआ. स्कूल परिसर में जलस्तर इतना बढ़ गया कि 162 छात्र अंदर फंस गए. सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और रात में ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया. छात्रों ने ऊपरी मंजिल और छत पर रात गुजारनी पड़ी. सुबह करीब 5 बजे पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची. स्थानीय ग्रामीणों और एनडीआरएफ की मदद से सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
रेस्क्यू में नाव का सहारा, स्कूल बंद
पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषभ गर्ग ने बताया कि बारिश के कारण स्कूल भवन पूरी तरह जलमग्न हो गया था. छात्रों को ऊपरी मंजिल पर शरण लेनी पड़ी और रातभर वे भीगते रहे. उन्होंने कहा कि सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. उन्हें नाव की मदद से बाहर लाया गया. कोवाली थाना प्रभारी धनंजय पासवान ने बताया कि एक मंजिला आवासीय विद्यालय की इमारत पूरी तरह पानी में डूब चुकी थी, इसलिए स्कूल को तत्काल बंद कर दिया गया है. सभी छात्रों को उनके घर भेज दिया गया है और विद्यालय को अगले आदेश तक सील कर दिया गया है.
मानसून से जनजीवन प्रभावित, प्रशासन अलर्ट
झारखंड में इस मानसूनी सक्रियता के चलते कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर हैं. जनता से अपील की गई है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें. इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र इतने बड़े खतरे के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है?