कई गांवों का प्रखण्ड मुख्यालय से टूटा सम्पर्क, कैंडीनगर के लालबान्ध का टूटा मेढ़, एक एकड़ धान की फसल हुआ बरबाद
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: कान्हाचट्टी प्रखण्ड में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगो को जीना मुहाल तो कर ही दिया है, भारी बारिश ने एक बार कान्हाचट्टी प्रखण्ड में जमकर तबाही मचाई है. गुरुवार की रात्रि से लगातार शनिवार तक हुई अत्यधिक वर्षा ने जहां जमकर तबाही मचाई है, वहीं आम आवाम के लिए मुश्किले खड़ी कर दी है. दो दिनों तक जम कर हुई वर्षा ने कान्हाचट्टी प्रखण्ड के कई गांवों का सम्पर्क भी जिला और प्रखण्ड मुख्याली से कट सा गया है. शुक्रवार को अत्यधिक वर्षा के कारण आमीन से तमासिन तक जाने वाली गहरी नदी में जमकर प्रकृति ने कहर बरपाया. जिससे सबसे ज्यादा नुकसान पुल-पुलिया, सड़क को हुआ है.
कान्हाचट्टी से पांडेय महुआ तरफ जाने वाली सड़क में पड़ने वाली बड़की नदी(ढेबरो)नदी पर बड़ी पुल के ऊपर से पानी बह रहा था. जिसके कारण पुल में दिया गया गार्डवाल पूरी तरह से पानी की तेज बहाव में बह गया.वहीं एप्रोच पथ पूरी तरह से खत्म हो गया. चार पहिया और दो पहिया वाहनों का आवागमन पर पूर्णविराम लगा दिया गया है. उस पुल से यदि कोई पार होता है तो वह खतरा से खेलने के बराबर होगा. वहीं डेढ़ वर्ष पहले बना गार्डवाल के किनारे भी गढ्ढा कर दिया है. पुल पर से किसी तरह से कोई पर होते हैं तो वह खतरों से खेलने के बराबर होगा.
वहीं कान्हाचट्टी से गुल्ली की ओर जाने वाली मुख्य सड़क में पड़ने वाली गहरी नदी पुल के पूरब साइड के किनारे भी पानी की तेज धार से क्षत्रिग्रस्त हो गया है. अप्रोच पथ पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. ग्रामीणों ने कहा है कि इतनी बढ़ कभी नहीं देखे थे जितनी बड़ी मात्रा में अभी बाढ़ आया था. ग्रामीणों ने दोनों नदियों के क्षत्रिग्रस्त पुल, अप्रोच पथ को दुरुस्त करने का जिला प्रशासन से मांग की है. ग्रामीणों ने कहा कि यदि कोई बीमार भी पड़ जाएगा तो वह इलाज के अभाव में दम तोड़ सकता है.
इधर कैंडिनगर पंचायत के कैंडीनगर गाँव मे सैकड़ो वर्ष पुरानी लाल बांध डैम शुक्रवार की रात्रि में टूट गया. जिससे लाखो की नुकशान किसानों को हुई है. उदय चन्द्रवंसी ने बताया कि लाल बांध वर्षो पुराना बांध था, जो अत्यधिक वर्षा होने के कारण बह गया. उदय ने कहा कि कैंडीनगर के लाल बांध में गर्मी के दिनों में भी दस फिट पानी रहता था. अब गांव में पानी की लेयर नीचे चला जाएगा. वहीं डैम टूटने से डैम के निचले हिस्से में लगे धान की खेती नष्ट हो गया. लगभग एक एकड़ में लगे धान का फसल बर्बाद हो गया. वहीं कई टन मछलियां भी बह कर चले गए. इसके अलावे भी कई पुल पुलिया टूटने की सूचना मिली है.