न्यूज़11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा में एक सरकारी शिक्षक आचार संहिता उलंघन मामले में फंस गए है. जिनपर सीधे निर्वाचन आयोग द्वारा करवाई का निर्देश जिला प्रशासन को दिया गया है. जानकारी के अनुसार विगत 26 अप्रैल को खूंटी लोकसभा सीट के प्रत्याशी अर्जुन मुंडा अपने सिमडेगा दौरे के दौरान सिमडेगा के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल रामरेखा धाम जाकर पूजा की थी. जहां इनको एक शिक्षक नागेश्वर होता द्वारा पुजारी रूप में पूजन कार्य करवाया गया था. इसके बाद आदिवासी कांग्रेस के स्टेट को-ऑर्डिनेटर दिलीप तिर्की द्वारा इस शिक्षक द्वारा आचार संहिता उलंघन की शिकायत 02 मई को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार से की गई थी. जिसमे दिलीप ने कहा था कि खूंटी क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार अर्जुन मुंडा केंद्रीय मंत्री जिनका कार्यक्रम सारणी रामरेखा का भी था.
जिस क्रम में वहां सरकारी स्कूल के शिक्षक नागेश्वर होता ने विद्यालय कार्यवधि में अर्जुन मुंडा को पूजा कराया और पूजा के दौरान शिक्षक ने खुद हीं कहा कि आप जिस कामना से आए है वो मनोकामना पूर्ण होगी. साथ ही उसने 400 पार का संकल्प भी लिया. जो कि सीधे-सीधे आचार संहिता उलंघन का मामला था. लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी मोहन झा ने ब्राह्मण वादी मानसिकता और इनपर उचित कार्रवाई नहीं करने के नियत से, शिक्षक से सिर्फ शोकॉज में इतना ही पूछा गया कि स्कूल के कार्यवधि में आपका स्कूल के बाहर ऐसा कार्यकलाप में सम्मिलित होना आपकी लापरवाही और उदासीनता को दर्शाती है. जिसपर जवाब मांगा गया है. जबकि अर्जुन मुंडा का पूजा करते एक वीडियो है, जिसमें स्पष्ट रूप से सारी चीजें साफ दिख रहीं है कि मामला आचार संहिता उलंघन का है. लेकिन डीईओ द्वारा मामला को कुछ और बना दिया गया. दिलीप ने शिकायत में कहा है कि ऐसे अधिकारी के रहते जिला में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं. इसलिए ऐसे अधिकारी, शिक्षक को बर्खास्त करने और उक्त शिक्षक सहित रामरेखा धाम समिति और उम्मीदवार पर भी आदर्श आचार संहिता उलंघन मामला दर्ज करने की मांग की है.
दिलीप तिर्की के इस शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सिमडेगा जिला प्रशासन को इन सारी मामलों की जांच करते हुए कार्रवाई करने का आदेश दिया है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के आदेश के बाद जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षक पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एसडीओ सिमडेगा सुमंत तिर्की ने बताया कि निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद मामले की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आते हीं नियम अनुकूल कार्रवाई की जाएगी.