न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः पुलिस वाहन द्वारा की गई घातक दुर्घटना में मुआवजा देने के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के आदेश को झारखंड हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है. अपने आदेश में झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार सड़क दुर्घटना में घायल होने या मृत्यु होने पर बीमाकर्ता को निश्चित राशि देने के लिए उत्तरदायी बनाने के लिए कानून में संशोधन करने पर विचार करे. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार चालक की लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए उत्तरदायी है.
बता दें कि, हाईकोर्ट ने दो युवकों की मृत्यु होने पर दोनों मृतकों के परिजनों को 3,48,880 रुपये का मुआवजा देने के आदेश को बरकरार रखा है. इसके साथ ही सरकार को मुआवजा देने तक 7.5% प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी देना होगा.कोर्ट ने कहा कि सरकार इस दायित्व को खुद उठा सकती है या इसके लिए अधिकृत बीमा कंपनी पर कानूनी रूप से दबाव डाल सकती है. सरकार बीमा कंपनी को बीमाधारक के दायित्व के अतिरिक्त उत्तरदायी बना सकती है. अदालत ने आगे कहा कि संबंधित विभाग को इस बात पर उचित ध्यान देना चाहिए कि किस तरह सड़क दुर्घटना में आम नागरिक को मुआवजा मिल सके. हाईकोर्ट के समक्ष जो मामला था, उसमें कोर्ट ने पाया कि दुर्घटना में शामिल गाड़ी (बोलेरो) का स्वामित्व पुलिस विभाग के पास है. बता दें कि, मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण ने माना था कि गाड़ी चालक वाहन को तेज गति से चला रहा था.