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रांची/डेस्क: झारखंड राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को राज्य सरकार से मिलेगा तौहफा. बता दें, इन श्रेणी के युवाओं को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की मुफ्त तैयारी कराएगी. इसकी पढाई 'संताली भाषा कोचिंग' के जरिए होगी, और इसकी जिम्मेदारी डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान को दी गयी है. आपको बता दें, यह गैर आवासीय कोचिंग 4 महीने तक संचालित की जाएगी. और इसका उद्घाटन बुधवार को किया जायेगा. अभी तक इस कोचिंग में 30 छात्रों ने नामांकन कराया है.
परीक्षा में संताली को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया गया
बता दें, इस कार्यक्रम का यह लक्ष्य है की अनुसूचित जनजाति श्रेणी के छात्रों संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 'संताली' भाषा में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्रदान करना है. इस एग्जाम में ऐच्छिक विषय के रूप "संताली" को भी शामिल किया गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि संताली भाषा पाठ्यक्रम की विशेषताओं की वजह से अन्य भाषा पाठ्यक्रमों के उम्मीदवारों को अधिक अंक मिलने की उम्मीद है. इस भाषा की यह खासियत है कि मुंडारी भाषा परिवार की भाषा बोलने वाले मुंडारी, हो, खड़िया, असुरी, बिरहोरी, बिरजिया, स्वासी आदि समुदायों के उम्मीदवारों को अपनी मातृभाषा की समानता के कारण तैयारी में कोई कठिनाई नहीं होगी.
गैर-मुंडारी भाषी प्रतिभागियों के लिए अलग से कक्षाएं चलाई जाएंगी
बता दें, कोचिंग में गैर मुंडारी भाषा परिवार के उम्मीदवारों के लिए विभिन्न अतिरिक्त कक्षाएं भी चलाई जाएंगी. विषय की तैयारी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संताली भाषा विभाग के सहायक प्रोफेसर डुमनी मुर्मू, डॉ फ्रांसिस सी मुर्मू और डॉ संतोष मुर्मू जैसे व्याख्याताओं द्वारा करायी जायेगी. नए साल के जनवरी माह के दूसरे हप्ते से इस संस्थान द्वारा दो व कोचिंग प्रोग्राम शुरू किये जायेंगे.
इनमें अनुसूचित जनजाति के युवाओं के लिए राज्य लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 'नि:शुल्क गैर-आवासीय कार्यक्रम' के साथ सबसे कमजोर आदिवासी समुदाय के युवाओं के लिए 'नि:शुल्क आवासीय कोचिंग' शामिल है.