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कहां से आता है राज्य सरकार के पास पैसा और कहां जाता है? जानिए खबर में

केंद्रीय अनुदान के रूप में अभी भी मिलती है 26.71 फीसदी राशि
कहां से आता है राज्य सरकार के पास पैसा और कहां जाता है? जानिए खबर में
राज्य सरकार का कर्ज 17.80 प्रतिशत




न्यूज11 भारत




रांची: झारखंड सरकार के बजट में यह कहा गया है कि राज्य सरकार को केंद्रीय कर, राज्य सरकार का अपना टैक्स, कर्ज, रीकवरी ऑफ लोन और एडवांस तथा ग्रांट इन एड से पैसा मिलता है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की तरफ से प्रस्तुत किये गये बजट में यह बताया गया कि सरकार को अपने टैक्स से कुल 24.58 फीसदी की प्राप्ति होती है. राज्य के अपने गैर राजस्व (नन टैक्स) से 13.61 फीसदी की आय होती है. केंद्रीय सहायता से झारखंड को विभिन्न योजनाओं के तहत कुल योजना आकार में 17.22 फीसदी मिलते हैं. राज्य सरकार विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, नाबार्ड और अन्य बैंकों से कुल 17.80 फीसदी का कर्ज लेती है. केंद्र सरकार से मिलनेवाली केंद्रीय ग्रांट से 26.71 फीसदी स्टेट गवर्नमेंट अपना खर्च देती है. इसके अलावा कर्ज की रिकवरी और अग्रिम से 0.08 फीसदी राज्य को मिलता है. 

 

पैसा कहां-कहां जाता है





कुल बजट उपबंध का 13.54 फीसदी राशि शिक्षा में खर्च करती है सरकार




ब्याज और कर्ज के रीपेमेंट में खर्च होती है 14 फीसदी राशि


 

झारखंड सरकार के योजना आकार के एक लाख करोड़ से अधिक के बजट में यह जानना जरूरी है कि पैसा कहां-कहां खर्च होता है. राज्य सरकार सबसे अधिक 13.54 फीसदी राशि बच्चों को एजुकेट रने में खर्च करती है. 12.59 फीसदी राशि ग्रामीण विकास और पंचायती राज के क्षेत्र में खर्च करती है. स्वास्थ्य और पीने के पानी की उपलब्धता में 9.57 फीसदी राशि खर्च की जाती है. राज्य के विभिन्न योजनाओं के लिए कर्ज के भुगतान में 7.13 फीसदी राशि खर्च किया जाता है. ब्याज के भुगतान पर 6.59 प्रतिशत खर्च होता है. आवासीय सुविधा और नगरों के विकास में 3.02 प्रतिशत खर्च किया जाता है. पुलिस और आपदा प्रबंधन का खर्च 8.36 फीसदी है. सामाजिक सेक्टर और कल्याणकारी योजनाओं में कुल बजटीय उपबंध का 7.57 फीसदी खर्च किया जाता है. कृषि औऱ कृषि से जुड़ी योजनाओं में 5.92 फीसदी खर्च होते हैं. पेंशन के भुगतान में 7.96 फीसदी, सड़क और परिवहन में 4.14 फीसदी, राजस्व एवं भूमि सुधार, श्रम, पर्यटन, आइटी सेवाओं में 7.45 प्रतिशत और वनों के विकास में 1.01 फीसदी राशि खर्च की जाती है.
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