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रांची/डेस्क: साबूदाना, जो कि हिंदू त्योहारों और उपवास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उसका निर्माण एक दिलचस्प और जटिल प्रक्रिया से गुजरता है. हाल ही में सोशल मीडिया पर साबूदाना बनाने की प्रक्रिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसने लोगों को इस खास खाद्य पदार्थ की तैयार करने की प्रक्रिया से अवगत कराया है.
साबूदाना की खेती और संग्रहण
साबूदाना दरअसल जड़ में उगने वाली पौधों के फल से प्राप्त होता है. इस फल को पहले खेत से उखाड़ा जाता है. इसे काटकर बड़ी मात्रा में इकट्ठा किया जाता है और ट्रक में डालकर फैक्ट्री की ओर भेजा जाता है.
फैक्ट्री में साबूदाना की तैयारी
फैक्ट्री पहुंचने पर, साबूदाना के फल को जेसीबी की सहायता से कंवेयर बेल्ट पर डाला जाता है. इसके बाद पानी में फल को धोकर उसकी धूल मिट्टी निकाल दी जाती है.
छीलना और पेस्ट बनाना
धोने के बाद फल को एक पीलिंग मशीन में डालकर छील लिया जाता है. छिलने के बाद फल का पेस्ट तैयार किया जाता है. इस पेस्ट को फिर ग्राइंडिंग मशीन में डालकर बारीक पिसा जाता है.
साबूदाना का अंतिम रूप
पेस्ट को छानकर गूदा निकाला जाता है. इसके बाद पेस्ट को सुखाकर पाउडर बनाया जाता है. इस पाउडर को साबूदाना की खास शेप में ढाला जाता है और अंत में, तैयार साबूदाना को कट्टों में भरकर बाजार में भेजा जाता है.
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नकली साबूदाना की पहचान
मार्केट में नकली साबूदाना भी आने लगा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. असली साबूदाना की पहचान करने के लिए कुछ आसान तरीके हैं:
- असली साबूदाना फीका होता है जबकि नकली साबूदाना अधिक चमकदार और पॉलिश किया हुआ होता है.
- दांत से दबाने पर असली साबूदाना किरकिरा लगता है, जबकि नकली साबूदाना मुलायम होता है.