NEWS11 स्पेशलPosted at: फरवरी 15, 2022 शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए CSMCL ने दुकानों की संख्या कम करने का दिया सुझाव
सीएसएमसीएल है उत्पाद विभाग का कंसलटेंट

न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड ने शराब की बिक्री से नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाने का सुझाव दिया है. सीएसएमसीएल की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ की तर्ज पर शराब की दुकानों की संख्या कम की जायेगी. फिलहाल राज्य में शराब की रीटेल दुकानें 16 सौ से अधिक है. छत्तीसगढ़ में 643 शराब की दुकानें हैं. इसी आधार पर शराब की रीटेल की दुकानों की संख्या कम की जायेगी. सूत्रों का कहना है कि सीएसएमसीएल ने बड़े शहरों और छोटे कस्बों के लिए अलग-अलग डिजाइन तय किया है. राज्य भर में 39 से अधिक स्थानीय निकाय हैं. यानी शहर हैं. बड़े शहरों में चार से पांच दुकानें बनायी जायेंगी. वह भी सरकारी जमीन पर. छोटे कस्बों और शहरों में दो से अधिक दुकानें नहीं होंगी. सीएसएमसीएल ने राजस्व को बढ़ाने के जो सुझाव दिये हैं, उसके आधार पर शराब की बॉटलिंग से लेकर उसे दुकानों तक पहुंचाने तक की व्यवस्था पर केंद्रीयकृत आधार पर नजर रखी जायेगी. 31 मार्च 2019 को की गयी बंदोबस्ती 31 मार्च 2022 को समाप्त हो रही है. इससे पहले शराब के दुकानों की बंदोबस्ती राज्य सरकार की तरफ से कर दी जायेगी. सीएसएमसीएल की रिपोर्ट पर सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है. झारखंड राज्य बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा शराब की थोक बिक्री और खपत तथा राजस्व संग्रहण में लगातार कमी होने की वजह से सरकार ने झारखंड उत्पाद (मदिरा के भंडारण और थोक बिक्री ) नियमावली 2021 भी गठित की गयी है जल्द ही कंसलटेंट कंपनी की तरफ से शराब दुकानों की बंदोबस्ती से लेकर उसकी ऑनलाइन मानिटरिंग भी की जायेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में शराब के थोक बक्री का काम छत्तीसगढ़ स्टेट बीवरेज कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से किया जा रहा है. राज्य के शराब की बक्री के लिए 250 नयी दुकानें 2017 में बनवायी गयी. सीएसएमसीएल की रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब की बक्री निजी हाथों में दिये जाने से व्यवसायी केवल अपना आर्थिक लाभ देखते हैं. सरकारी क्षेत्र की एजेंसी कम प्रोफिट में अधिक व्यवसाय करती हैं और राजस्व भी सुरक्षित रहता है. नीजी व्यवसायियों द्वारा राजस्व का क्षरण अधिक होता है. इसलिए झारखंड सरकार को चाहिए की ठेकेदारों के माध्यम से शराब की बक्री की व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाये. साथ ही साथ राजस्व की वृद्धि के लिए शराब के अवैध व्यापार को भी कम करना जरूरी बताया गया है. यह सुझाव दिया गया है कि जेबीसीसीएल द्वारा 11.8.2017 से शराब की रीटेल दुकानों को संचालित किया जा रहा है. उस समय 706 दुकानें थीं. कम दुकानें रहने की वजह से कई क्षेत्र दुकान वीहिन रह गये. इसके बाद मैनपावर एजेंसी का चयन कर दुकानों की संख्या बढ़ायी गयी. 2016-17 में विदेशी शराब की खपत 21 फीसदी बढ़ी, वीयर की खपत 22 फीसदी औऱ् देशी शराब की खपत 42 फीसदी कम हो गयी. शराब की बक्री में कमी का एक कारण, किराये पर दुकानों को लेना बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब की दुकानों में योग्य कर्मियों की नियुक्ति हो. साथ ही सात नगरपालिका क्षेत्र में नयी दुकानें बनायी जायें. शराब के दुकानों से होनेवाली बक्री की राशि को स्थानीय थाने में जमा कराया जाये. परिवहन एजेंसी की नियुक्ति औऱ् दरों का निर्धारण भी किया जाये.