बिट्टू/न्यूज 11 भारत
बगोदर/डेस्क: भाकपा माले के वरिष्ठ नेता, राज्य कमिटी सदस्य और बगोदर प्रखंड सचिव परमेश्वर महतो ने सोमवार को 20 साल पुराने एक मुकदमे में गिरिडीह कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजकर गिरिडीह जेल स्थानांतरित कर दिया गया.
भाकपा माले बगोदर के कार्यवाहक प्रखंड सचिव संदीप जयसवाल और माले राज्य कमिटी सदस्य पवन महतो ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया. उन्होंने कहा कि 16 जनवरी 2005 को तत्कालीन बगोदर विधायक और झारखंड के जननायक महेंद्र सिंह की सरिया पश्चिमी इलाके के दुर्गी धवैया में नुक्कड़ सभा के दौरान साजिशपूर्ण हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद जनता में तत्कालीन भाजपा सरकार और गिरिडीह के तत्कालीन एसपी दीपक वर्मा के खिलाफ आक्रोश फैल गया था.
पार्टी नेताओं के अनुसार, घटना के बाद हजारों लोग शांतिपूर्ण तरीके से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे. लेकिन इसके विपरीत, तत्कालीन प्रशासन ने हत्या की साजिशकर्ताओं को बेनकाब करने की मांग उठाने वाले नेताओं पर ही फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए. आरोप है कि परमेश्वर महतो और अन्य नेताओं पर दर्ज यह मुकदमा भी उसी श्रृंखला का हिस्सा है.
पार्टी नेताओं ने कहा कि भाकपा माले के कार्यकर्ता न तो जेल जाने से डरते हैं और न ही संघर्ष से पीछे हटते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले को अविलंब वापस लेकर परमेश्वर महतो को सम्मानपूर्वक रिहा नहीं किया गया, तो जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी.
नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि महेंद्र सिंह की हत्या के दो दशक बीत जाने के बावजूद सीबीआई हत्यारों और उनकी साजिशकर्ताओं को सजा नहीं दिला पाई है, जबकि जनता के सवाल उठाने वाले नेताओं को परेशान करने का सिलसिला जारी है.