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LRDC कार्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला, आदिवासी जमीन बेचने के परमिशन के नाम पर लिया जा रहा पैसा

वर्षों से जमी हैं सेलीन जो देख रही हैं सीएनटी जमीन की परमिशन का काम
LRDC कार्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला, आदिवासी जमीन बेचने के परमिशन के नाम पर लिया जा रहा पैसा
पांच हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक लिये जाते हैं पैसे




बड़गांई  सीओ और नगड़ी सीओ ने दस्तावेज के गायब होने पर सदर थाने में दर्ज करायी थी प्राथमिकी




हाईकोर्ट ने आशीष सिंह की याचिका पर दो बार लगायी है फटकार, गायब हो गये हैं सारे दस्तावेज





न्यूज11 भारत




रांची: राजधानी रांची का भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय इन दिनों काफी चर्चित हो गया है. यहां से न सिर्फ दस्तावेज गायब हो जाते हैं, बल्कि म्युटेशन अपील के कई मामले वर्षों से लंबित रह रहे हैं. एलआरडीसी कार्यालय में भ्रष्टाचार हर तरफ से हावी है. यहां पर आदिवासी जमीन यानी सीएनटी एक्ट की जमीन का परमिशन देने के नाम पर लाखों का वारा न्यारा होता है. सीएनटी जमीन की बक्री के लिए अंतिम परमिशन एलआरडीसी की तरफ से दिया जाता है. इससे पहले सीएनटी जमीन को बेचने की रिपोर्ट संबंधित अंचल कार्यालय की तरफ से की जाती है. सीएनटी जमीन का सारा मामला यहां पदस्थापित सेलीन देखती है, जो यहां 10 वर्षों से अधिक समय से पदस्थापित हैं. इनके पास व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अपने कार्यों के लिए लगातार मंडराते रहते हैं. लेकिन सारा खेल शाम को होता है. शाम छह बजे के बाद पैसे का खेल होता है, जब संबंधित क्लाइंट सेलीन के पास आते हैं और अपना काम कराने का हिसाब देकर कागज ले जाते हैं. यह परंपरा काफी दिनों से चली आ रही है. तत्कालीन एलआरडीसी मनोज रंजन के समय भी ये कार्य होते रहते थे. वर्तमान में राजीव सिंह एलआरडीसी हैं. 

 


 

हाल के दिनों में एलआरडीसी कार्यालय काफी चर्चित रहा है, वह भी झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के बाबत. इसमें आशीष सिंह की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. मामला बड़गाई मौजा के एक जमीन के दस्तावेज से संबंधित है. इसके कागजात 90 के दशक के बाद से एलआरडीसी कोर्ट से गायब हो गये हैं. आशीष कुमार सिंह ने जमीन के दस्तावेज की नकल के लिए एलआरडीसी कार्यालय में अपील की थी. यह कागज आज तक नहीं मिली है. इसको लेकर हाल ही में बड़गाई सीओ और नगड़ी सीओ की तरफ से सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. जानकारी के अनुसार इसको लेकर एलआरडीसी कार्यालय के पेशकार दीपक को हटाने तक की बातें सामने आयी, पर वह भी अब तक अपने पद पर बने हुए हैं. एलआरडीसी कार्यालय में मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार को म्यूटेशन अपील को लेकर तिथि निर्धारित है. पर कार्यालय में इनकी व्यस्तता की वजह से नियमित सुनवाई नहीं हो पाती है. वहां हमेशा ब्रोकरों की भीड़ रहती है. आम आदमी की तो छोड़िये ब्रोकरों से घिरा रहता है एलआरडीसी कार्यालय.

 

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