न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 122वें एपिसोड में देश को सम्बोधित किया. पीएम ने आज के अपने सम्बोधन में योग और इमरजेंसी का संयोग कर अपने मन की बात को देश के सामने रखा. पीएम मोदी ने 21 जून विश्व भर में मनाये जा रहे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को रेखांकित करते हुए कहा कि आज विश्व योग के महत्व को समझ रही है और उसे अपना भी रही है. योग हमारे दैनिक जीवन को सहज भी बनाती है और मन की शांति भी हमें देती है.
मगर पीएम क्रम बदल कर सीधे इमरजेंसी पर आ जाते हैं. इमरजेंसी के दिनों को याद कर उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा दौर था जब देश के लोगों को प्रताड़ित किया गया. नेताओं और मीडिया कर्मियों पर ही सिर्फ जुल्म नहीं ढाये गये, बल्कि देश की आम जनता भी इससे पूरी तरह से त्रस्त हो गयी थी. किसी की पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं था. अनेकों लोगों को बिना किसी जुर्म के मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया. अमानवीय अत्याचारों का यह क्रम वर्षों चला, लेकिन आखिर में जीत जनता की हुई. आपातकाल तो हट गया, लेकिन उसकी पीड़ा आज भी दिलों से नहीं गयी है.
प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' को आगे बढ़ाते हुए देश की दो उपलब्धियों का भी जिक्र किया. एक है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किया है. इंटरनेशनल लेबल ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट का भी पीएम ने जिक्र किया. रिपोर्ट बताती है कि 95 करोड़ लोग आज सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं. यह सफलता हमारा उत्साह बढ़ाती है और अपने देशवासियों के लिए बहुत कुछ करने की प्रेरणा देती है.
पीएम मोदी ने शुरू हो चुकी कैलास मानसरोवर यात्रा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कैलास मानसरोवर यात्रा ऐसी यात्रा है जिसमें न सिर्फ हिंदू बल्कि बौद्ध, जैन भी इसे अपनी श्रद्धा का केंद्र मानते हैं.