न्यूज 11 भारत
राजधानी के डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह सुधार की बजाय बिगाड़ गृह बनता जा रहा है. किशोर बंदियों को यहां सुधारने के लिए रखा जाता है. मगर बाल बंदी तक को बिगाड़ने का पूरा इंतजाम अंदर में उपलब्ध हो जा रहा है. गांजा पीने से लेकर मोबाइल का इस्तेमाल भी आसानी से कर रहे हैं. आश्चर्य है कि तमाम सिक्योरिटी के बावजूद इनके पास ये सामान आसानी से पहुंच जा रहे हैं. इसका खुलासा लगातार दो दिन यहां हुई छापेमारी में हुआ. गुरूवार को 4-5 मोबाइल के साथ अन्य सामान बरामद हुए थे. वहीं, शुक्रवार को भी छापेमारी में 3 मोबाइल, एक चार्जर, एक लाइटर और एक चिल्लम मिला. किशोर बंदियों ने जिस प्रकार मोबाइल को छिपा रखा था, उससे पता चलता है कि ये अब शातिर क्रिमिनल की तरह सोचने लगे हैं. छापेमारी के दौरान जब इनकी उस्तादी पकड़ी गई तो पुलिस भी आश्चर्यचकित रह गई.
टाइल्स के नीचे छुपा रखा था सामान
सुधार गृह के आंतरिक प्रभारी कर्नल जेके सिंह के नेतृत्व में सदर थाना पुलिस की टीम ने लगातार दूसरे दिन छापेमारी की तो कई आपत्तिजनक सामान मिले. इन सामान मिलने के साथ सबसे ज्यादा लोगों को आश्चर्य उसके छुपाने के लिए बनाए गए स्थान को देखकर हुआ. शातिर किशारों ने टाइल्स के नीचे फर्श को काटकर मोबाइल व अन्य सामान रखने की व्यवस्था की थी. ऊपर से टाइल्स लगा देते थे. ताकि छापेमारी के दौरान ये सामान पकड़ में न आए. मगर जैसे ही छापेमारी टीम ने टाइल्स हटाकर देखा किशोर बंदियों की उस्तादी से पर्दा हट गया.
26 फरवरी को भी हुई थी छापेमारी
यहां याद दिला दें कि 26 फरवरी को भी यहां छापेमारी हुई थी. जिसमें आपत्तिजनक सामान को बाथरूम और कचरा आदि में छुपा पाया गया था. करीब आधा दर्जन मोबाइल के साथ गांजा-चिल्लम सहित नशे के अन्य सामान बरामद हुए थे. छापेमारी के दौरान पुलिस मोबाइल नंबर लिखे कागज को भी ढूंढ रही थी. इस दौरान दो फोन नंबर लिखी डायरी मिली थी. जिसमें काफी नंबर लिखे मिले हैं. इससे साफ है कि सुधार गृह में रहने वाले बंदी बाहरी दुनिया के कॉन्टैक्ट में भी हैं.