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रांची/डेस्क: देशभर में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है. यह दिन डॉक्टरों के समर्पण और सेवा भावना को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. कोरोना जैसी महामारी हो या रोजमर्रा की बीमारी, डॉक्टर हर मोर्चे पर डटे रहते हैं. इस मौके पर कई अनुभवी डॉक्टरों ने कहा कि मरीजों की सेवा करना ही हमारा धर्म है. समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए डॉक्टर हर चुनौती का सामना करते हैं. उन्होंने कहा कि आज के दिन समाज को भी डॉक्टरों का सम्मान करना चाहिए और उनके योगदान को याद रखना चाहिए.
डॉक्टर्स डे के मौके पर निदेशक डॉक्टर राजकुमार ने डॉक्टरों को सेवा भाव से काम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कुछ डॉक्टर अस्पताल के नाम पर व्यापार कर रहे हैं, जो समाज के लिए एक गंभीर खतरा है. ऐसे रवैये से मरीजों का भरोसा टूटता है. डॉक्टर राजकुमार ने कहा कि डॉक्टर का असली धर्म सेवा है, न कि पैसा कमाना. उन्होंने सभी डॉक्टरों से ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ मरीजों की सेवा करने का आग्रह किया. डॉक्टर्स डे पर यह संदेश समाज को जागरूक करने वाला रहा. डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई नियम बनाए हैं, कुछ अस्पतालों में सुरक्षा के लिए बाउंसर तक रखे गए हैं. उन्होंने कहा कि जो डॉक्टर संवेदनशील और समर्पित हैं, उन्हें पसुरक्षा मिलनी चाहिए. वहीं जो लापरवाही बरतते हैं, उन पर सख्त नजर रखी जानी चाहिए और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से दूर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार को संतुलन बनाकर चलना होगा, ताकि मरीजों को बेहतर सेवा मिल सके और डॉक्टरों को न्याय.
वहीं रिम्स के अधीक्षक डॉ. हिरेंद्र बिरुआ ने डॉक्टर्स डे पर कहा कि देशभर में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को देखते हुए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर गंभीरता से विचार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि डॉक्टर मरीज की सेवा को अपना धर्म मानते हैं और कई बार कठिन परिस्थितियों में भी पूरी ईमानदारी से इलाज करते हैं. बावजूद इसके, जब कोई मरीज नहीं बचता तो परिजन अक्सर गुस्से में आकर डॉक्टरों और अस्पताल पर हमला कर देते हैं. उन्होंने कहा कि हर बीमारी का इलाज संभव नहीं होता, लेकिन डॉक्टर अपना सौ प्रतिशत देने की कोशिश करते हैं. डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जरूरी है ताकि भविष्य में कोई भी डॉक्टर गंभीर मरीजों के इलाज से पीछे न हटे. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को भगवान का दर्जा मिला है, लेकिन सुरक्षा न होने से वे भी असहाय महसूस करते हैं.
रांची रिम्स के मनोचिकित्सक डॉ. अजय कुमार सिंह ने डॉक्टर्स डे के मौके पर बताया कि आज के दौर में डॉक्टरों के लिए मानसिक तनाव को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि मैनपावर की कमी और समाज तथा परिवार की अपेक्षाएं डॉक्टरों पर दबाव बढ़ा रही हैं. ऐसे में प्रोफेशनल और पर्सनल जीवन में संतुलन बनाना जरूरी है. डॉ. सिंह ने बताया कि लगातार मानसिक दबाव, नींद की कमी और अनियमित दिनचर्या के कारण कई डॉक्टर खुद बीमार पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि युवावस्था में ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ रही हैं.
डॉक्टर को धरती का दूसरा भगवान कहा जाता है. वे बिना किसी भेदभाव के मरीजों की सेवा करते हैं और कई बार उन लोगों की जान बचाते हैं जो जीने की उम्मीद छोड़ चुके होते हैं. ऐसे में समाज का भी फर्ज है कि डॉक्टरों को पूरा सम्मान दें, क्योंकि वे इसका हक रखते हैं. आजकल देशभर में डॉक्टरों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो बहुत ही चिंता का विषय है. डॉक्टरों की सुरक्षा जरूरी है, ताकि वे निडर होकर मरीजों की सेवा कर सकें. सरकार को इस पर जल्द ही सख्त कदम उठाने चाहिए.