कृपा शंकर
बोकारो/डेस्क: बोकारो जिला का चंदनकियारी प्रखंड न सिर्फ राज्य बल्कि देश और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है. इन दिनों चंदनकियारी के युवा खेल जगत में राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल कर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे है. वहीं, दूसरी ओर बुधवार का दिन को एतिहासिक बनाते हुए कला के क्षेत्र में छऊ कलाकार परीक्षित महतो ने राष्ट्रपति के हाथों संगीत नाटक अकादमी अवार्ड को प्राप्त किया. इस अवार्ड प्राप्ति के बाद चंदनकियारी, बोकारो सहित पूरे राज्य के लोग गौरवान्वित महसूस कर सकेंगे. संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित छऊ कलाकार परीक्षित महतो, चंदनकियारी के खेडाबेडा गांव का रहने वाले है, जिन्हें छऊ की शिक्षा गुरू स्व धनंजय महतो से प्राप्त हुई.
नेता प्रतिपक्ष ने परीक्षित महतो को दी बधाई
नेता प्रतिपक्ष सह चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी ने परीक्षित महतो को मिले सम्मान के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि छाऊ नृत्य कलाकार परीक्षित महतो ने राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति से सम्मानित होकर पूरे राज्य के लोगों का मान बढ़ाया है. उनकी मेहनत और लगन के कारण आज उन्हें सम्मानित किया गया है. हम सभी के लिए यह गर्व के पल है. इस मेहनत और लगन को सम्मान देने के लिए भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया.
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि चंदनकियारी में राष्ट्रीय छऊ नृत्य प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र से आज हमारी कला संस्कृति को एक नया मुकाम मिल रहा है. आए दिन यहां पर छऊ नृत्य एवं अन्य कलाओं का प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है. इस केंद्र में न सिर्फ झारखंड बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा सहित पूरे देश के युवा अपनी कला संस्कृति को जानने और सीखने आते है. अमर कुमार बाउरी ने कहा कि आने वाले समय में चंदनकियारी झारखंड का सांस्कृतिक विरासत का केन्द्र बनेगा. इसके लिए अपने स्तर से हर संभव प्रयास किया जाएगा.
बता दें कि चंदनकियारी विधायक सह नेता प्रतिपक्ष के प्रयास पर ही राष्ट्रीय छऊ नृत्य प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र पहली का स्थापना संभव हो सका. गांवों-कस्बों के कलाकार को इस केन्द्र के खुलने से राष्ट्रीय पहचान मिली. छऊ के सैकड़ो कलाकारो को देश के कई क्षेत्रों में अपना जौहर दिखाने का अवसर प्राप्त हो रहा है. साथ ही सभी चयनित सदस्यो, अकादमी के चेयरमैन, अकादमी के सचिव, भारत सरकार संस्कृति विभाग के संयुक्त सचिव एवं निदेशक सहित भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया.
इन शैलियों के लिए प्रसिद्ध है छऊ नृत्य
छऊ की तीन प्रमुख शैलियां है. इसमें मयूरभंज, सरायकेला और मानभूम शैली शामिल है. चंदनकियारी स्थित केंद्र में तीनों शैलियों पर कार्यशाला का आयोजन होता है. इससे छऊ कलाकारों को बल मिला. वहीं नई पीढ़ी को भी अपनी विरासत को बचाने का प्रोत्साहन मिला.