कृपा शंकर/ न्यूज़11 भारत
बोकारो/डेस्क
बोकारो जिला पंचायती राज कार्यालय सभागार में गुरुवार को वन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन हेतू एक दिवसीय कार्यशाला सह मोबाइल एप प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षता जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने किया. इस दौरान राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत ग्राम सभा के कार्य निष्पादन की विस्तृत जानकारी अधिकारियों को दी. अधिकारियों को कार्य व दायित्व के संबंध में विस्तार से अवगत करवाया गया. उनके द्वारा वन अधिकार कानून 2006 के तहत एकल पट्टा और सामुदायिक पट्टा के विषय में भी बताया गया. साथ ही कार्यशाला में झार एफआरए मोबाइल एप के विषय में मास्टर ट्रेनर द्वारा अधिकारियों को विस्तार पूर्वक समझाया गया तथा एप भी डाउनलोड करवाया गया.कार्यशाला में मुख्य रूप से अनुमंडल पदाधिकारी चास ओम प्रकाश गुप्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी श्रीमती एन एस कुजूर, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी (सीओ), अंचल निरीक्षक(सीआइ) सहित अन्य संबंधित कर्मी उपस्थित थे.
अबुआ वीर, अबुआ दिशोम अभियान से लोगों को जोड़ने का लिया निर्णय-
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि विभाग ने वर्ष 2005 से पूर्व वन पर आश्रित लोगों को 'अबुआ वीर, अबुआ दिशोम' अभियान से जोड़ने का निर्णय लिया है. इस बाबत अंचल एवं अनुमंडल स्तर पर कई आवेदन लंबित है. इसे गंभीरता से लिया जाय. उन आवेदनों का सत्यापन कर, अहर्ताधारी ग्रामीणों के बीच वन अधिकार पट्टा वितरण करे. ऐसे जितने भी लंबित आवेदन है, संबंधित अधिकारी उसका त्वरित निष्पादन करें. साथ ही कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों को दावा पत्र आवेदन में क्या क्या दस्तावेज संलग्न होना अनिवार्य है. वनाधिकार समिति का क्या कार्य व दायित्व है. ग्राम सभा के समक्ष दावा पत्र आवेदन प्रस्तुत करना है, सारी प्रक्रिया जांचने के बाद ग्राम सभा बैठक कर, रेजुलेशन पारित करते हुए अग्रतर कार्रवाई के लिए अनुमंडल समिति के पास दस्तावेज उपलब्ध कराएगी. अनुमंडल से जिला स्तरीय समिति के समक्ष दावा पत्र आवेदन उपलब्ध कराया जाएगा.
ग्राम सभा में दावा पत्र पारित कर अनुमंडल को भेजने का निर्देश-
अनुमंडल पदाधिकारी चास ओम प्रकाश गुप्ता ने वन अधिकार कानून 2006 के कानूनी प्रक्रिया व एक्ट की विस्तृत जानकारी दी. कहा कि ग्राम सभा में जो भी दवा पत्र पारित किए जाएंगे, वह ग्राम सभा से सीधा अनुमंडल कार्यालय भेजा जाएगा. यदि अंचल में जमा किया जाता है, तो अंचल का कार्य सिर्फ दवा पत्र को अनुमंडल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी. दावा पत्र में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ का उन्हें कोई अधिकार, इस कानून में नहीं दिया गया है. इधर, जिला कल्याण पदाधिकारी श्रीमती एन एस कुजूर ने बताया कि सरकार का उद्देश्य लोगों को 'अबुआ वीर अबुआ दिशोम' अभियान से जोड़ना है. इसके माध्यम से वैसे लोग जो 13 दिसंबर 2005 से पूर्व वन पर आश्रित हैं या वन क्षेत्र में रह रहे हैं, उन्हें जोड़ा जाएगा. यह नियम वनाधिकार कानून 2006 के तहत दावा पत्र दो प्रकार के होंगे. एक निजी दवा पत्र और दूसरा सामुदायिक दावा पत्र होगा.