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रांची/डेस्क: राजधानी रांची और उसके आसपास के इलाकों में अब जमीन खरीदना टेढ़ी खीर होने वाला है. ऐसा झारखंड सरकार के एक फैसले के कारण हुआ है. राज्य सरकार ने न सिर्फ जमीन की सरकारी दरों में वृद्धि की है, बल्कि निबंधन के शुल्क में भी बढ़ोतरी की है. सरकार के इस फैसले के बाद रांची के कई इलाकों में जमीन के भावों में इजाफा होना तय है. राजधानी रांची में जमीन के सरकारी दरों में वृद्धि और रजिस्ट्री के शुल्क में वृद्धि की रांची उपायुक्त ने अपनी सहमति दे दी है. रांची में निबंधन शुल्क में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. अब इससे यह सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि रांची में जमीन खरीदना कितना महंगा पड़ने वाला है.
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जमीन की कीमतों में 7-8 लाख रुपये प्रति डिसमिल की बढ़ोतरी होगी, वहीं शहरी क्षेत्रों में 10 से 20 लाख रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है. रांची की बात करें तो वार्ड संख्या 17, 18 और 19 में में जमीन की सरकारी दरें बढ़ जायेंगी. इन वार्डों के अन्दर डोरंडा, हीनू, कडरू, कोनका, लालपुर और मोरहाबादी इलाके आते हैं.
जानकारी के मुताबिक सिर्फ रांची नगर निगम के क्षेत्र में आने वाले इलाकों पर ही नहीं, बुंडू नगर पंचायत, आरआरडीए क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले इलाकों पर भी जमीन निबंधन शुल्क और जमीनों के भाव बढ़ेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि निबंधन शुल्क की बढ़ोतरी के बाद रांची और आसपास के इलाकों में प्रति डिसमिल 10 लाख रुपये से लेकर 20-22 लाख रुपये तक जमीन की कीमतें बढ़ सकती हैं.
रांची और आसपास के इन इलाकों में बढ़ेंगे जमीन के भाव
- राजधानी रांची का कांके अंचल
- ओरमांझी
- नामकुम
- कांके के डुमरदगा
- कांके का अरसंडे
बता दें की रांची के शहरी और ग्रामीण इलाकों में जमीन की दरों में वृद्धि अचानक नहीं की गयी है. ऐसा हर दो वर्षों में होता है. शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों की सरकारी दरों और निबंधन दरों में वृद्धि इससे पहले 2023 में हुई थी. सरकार ने जमीन की दरों और निबंधन का जो फैसला अब लिया है वह 1 अगस्त 2025 से लागू होगा.