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रांची: मानवता को शर्मसार करती और समाज को दहला देने वाली घटना को लेकर पुलिस ने एक देवर को अरेस्ट किया है. इस पर आरोप है कि इसने अपनी विधवा भाभी और दो मासूम बच्चों को बड़ी ही निमर्मता से मौत के घाट उतार दिया. बता दें इस घटना की जानकारी झारखंड के गुमला जिले के बसिया थाना के लुंगटू पंडराटोली गांव से आ रही है.
जहां की पुलिस ने बताया कि यहा के निवासी एनोस कंडुलना ने अपनी सगी भाभी पूनम कंडुलना (37 वर्ष) एवं उसके दो बेटों पवन कंडुलना (11 वर्ष) व अर्पित कंडुलना (9 वर्ष) की धारदार हथियार से हत्या कर दी. इस वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों के शव को घर से लगभग 100 मीटर दूर गोबर के गड्ढे में दफना दिया दिया. ताकि लोगों की नजर से अपराध को छुपा सके और शव को कोई देख न सके. वही बताया जा रहा कि तीनों मृतक बुधवार शाम से गायब थे.
वहीं इन तीनों की खोजबीन करने पर इनका शव उनके घर के बगल स्थित गोबर के गड्ढे से मिला है. इस मामले में थानेदार छोटू उरांव ने कहा कि इस केस में एक अभियुक्त एनोस कंडुलना को गिरफ्तार किया गया. प्रथम दृष्टया यह मामला संपत्ति विवाद एवं एलआईसी से मिले पैसे के बंटवारा को लेकर प्रतीत होता है. वहीं इस बारे में जानकारी दी गयी कि यह घटना 29 मार्च की रात लगभग आठ बजे की है.
मृतका भाभी पूनम के पति नुवेल कंडुलना की मौत वर्ष 2017 में ही हो चुकी है. वहीं पति की मौत के बाद विधवा पूनम अपने दोनों नाबालिग बेटों के साथ ससुराल में ही रह रही थी. वहीं मृतका के साथ उसका बड़ा देवर विश्राम कंडुलना समीप के घर में अलग रहता था. अपनी विधवा भाभी और बच्चों की देखभाल उसका देवर विश्राम कंडुलना करता था. वहीं दूसरी ओर उसके बगल वाले घर में मृतका का छोटा देवर एनोस कंडुलना अपनी मां बहामनी कंडुलना (70 वर्ष) के साथ रहता था.
बताया जा रहा कि पिछले बुधवार को बिश्राम कंडुलना एवं भाभी पूनम कंडुलना साप्ताहिक बाजार कुम्हारी गये थे. इस दौरान बाजार से मुर्गा लेकर घर आये. बाजार से लौटने के बाद विश्राम कंडुलना एवं उसकी मां बहामुनी कंडुलना को गांव के ही सागेन टोपनो एवं जीवन तोपनो के घर में आयोजित समाज के प्रार्थना कार्यक्रम में शामिल होने जाना था. जिस कारण बिश्राम कंडुलना ने एनोस कंडुलना को मुर्गा बनाने को कहा. इसके बाद एनोस व दोनों भतीजा मुर्गा बनाने लगे.
इसी बीच एनोस शराब पीने गांव के ही किसी के घर चला गया. वहां से शराब पीकर वापस घर लौटने के बाद एनोस ने मुर्गा बनाया. इधर घर में पूनम व उसके दोनों बेटे अकेले थे. वहीं भाभी पूनम अपने घर में चावल बनायी और एनोस के घर गयी. इस दौरान किसी बात को लेकर शराबी एनोस व पूनम के बीच नोक-झोंक हो गयी. इसके बाद गुस्साये एनोस ने पूनम को जमीन पर पटक दिया और बेरहमी से मारने लगा. इस प्रकार एनोस द्वारा पूनम को मारता देख पूनम के दोनों बेटे अपनी मां को छोटे चाचा से छुड़ाने आये.
जिस पर भड़के एनोस ने उन दोनों की भी पटक पटक कर निर्मम हत्या कर दी और तीनों के शव को रस्सी में बांधकर घर से 100 मीटर दूर स्थित गोबर के गड्ढा में खोदकर ढंक दिया और ऊपर से गोबर डाल दिया. इसके बाद शातिर हत्यारे ने घर में भी गोबर से लीप कर खून के धब्बों को मिटा दिया और अपने खून लगे कपड़ों को कोयल नदी में फेंक दिया.
इसके बाद रात लगभग नौ बजे पूनम की सास और देवर विश्राम कंडुलना घर लौटे, तो पूनम के घर का दरवाजा बंद देखा. तब उन लोगों ने सोचा कि पूनम अपने दोनों बच्चों को लेकर कहीं गयी होगी. इसके बाद पूनम के वापस नहीं लौटने के बाद शुक्रवार को पूनम के मायके (बंगरकेला डहुटोली गांव) को सूचना दी गयी.
सूचना मिलने के बाद शनिवार की सुबह पूनम के मायके वाले पूनम की ससुराल पहुंचे. इसके बाद लोगों ने अनहोनी की आशंका से खोजवीन शुरू की तो पूनम और उसके दो मासूम बच्चों की लाश बरामद हो गई. वहीं इस घटना के खुलासे के बाद हत्यारे देवर को गिरफ्तार कर लिया गया है.