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रांची/डेस्क: असम मुख्यमंत्री एवं झारखंड के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि आज पहली बार चुनाव समिति की बैठक हुई है. वही आज परिवर्तन संकल्प यात्रा जो प्रमंडल में होना है उसको लेकर बैठक होगी. इसके साथ चुनाव की तैयारी भी शुरू होगी हैं. हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड में हर दिन नई चुनौती आ रही है. बांग्लादेशी घुसपैठ, वादा खिलाफी का मामला झारखंड की जनता से जुड़ा हुआ है. भरक्त के हर प्रदेश में पुलिस की बहाली होती है. शारिरिक परीक्षा के सारे नियुक्ति में होती है. शारीरिक परीक्षा पुलिस की बहाली में अनिवार्य है. इसके लिए सही मौसम में चुनाव होता है उसी वक़्त शारिरिक परीक्षा ली जाती है. अगस्त 2023 में उत्पाद सिपाही का फॉर्म भरवाया गया. उसके बाद अक्टूबर, नवंबर दिसम्बर में शारीरिक परीक्षा ले लिए जाना चाहिए था. लेकिन अगस्त 2024 में शारीरिक परीक्षा शुरू हुई. अगस्त महीने में गर्मी बहुत होती है. अभी तक इस परीक्षा में 15 के करीब छात्र की मृत्यु हो गयी है.
15 सितंबर तक रोकें उत्पाद सिपाहियों की बहाली
उन्होंने कहा कि शारीरिक शिक्षा के दौरान इन सभी छात्र की मृत्यु हुआ है. सेना, cisf, पुलिस बहाली में इतनी बड़ी संख्या में मृत्यु नही हुआ है. आनन फानन में यह परीक्षा शुरू किया गया, जिसमे छात्रों का मेडिकल टेस्ट नही हुआ. हेमंत सोरेन और उनकी सरकार युवाओं की मृत्यु का कारण बन गए है. इन सभी मौत की जांच करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार में आवेदन दिया जाएगा. वही राज्य सरकार सभी मृतक युवाओं के परिजनों को 50 लाख रुपया मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दे. 15 सितंबर तक इस बहाली को रोकने का आग्रह झारखंड सरकार से होगा. युवाओं का पहले मेडिकल टेस्ट करवाये, दौड़ से पहले एक ग्लास दूध, और फल की व्यवस्था करें.
उन्होंने सरकार से आग्रह है कि जो छात्र रात में आते है, उनके आराम करने की व्यवस्था करें और उसे खाने को दिया जाए. पार्टी के तरफ से सभी मृतक युवाओ के परिजन से मुलाकात करेंगे और पार्टी के तरफ से 1 लाख रुपया सहायता राशि देंगे. अगर 7 दिन में सरकार कोई कदम नही उठाते है तो राष्ट्रीय मानवाधिकार को आवेदन पार्टी दे देगी. यदि ऐसा नही होता है तो जब भाजपा की सरकार सत्ता में आती है तो सभी परिवार को न्याय देने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग से काग्रह करेगी कि इस परीक्षा को आचार संहिता लागू होने के बाद भी चलती रहे. भाजपा का उद्देश्य है कि राज्य के युवाओं की जान बचाई जाए. उन्होंने कहा कि असम में कोरोना के बाद कई बहाली हुई है. जिसमें शारीरिक परीक्षा हुई है 20,000 से अधिक छात्रों की नियुक्ति हुई है. झारखंड में भी अग्निवीर की नियुक्ति हुई है और किसी की मौत नही हुई है. आखिर झारखंड सरकार के यह बयान क्यों है, राज्य सरकार और कितना गिरेगा.