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रांची/डेस्क: झारखंड में राजनीतिक हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार की नीतियों और निर्णयों पर कड़ा ऐतराज जताया. मुलाकात का प्रमुख मुद्दा क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में बदलाव और मुंडारी भाषा को खूंटी जिले की भाषाई सूची से बाहर किया जाना रहा.
बीजेपी नेता नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों की बात तो करती है, लेकिन जब उनकी मूलभूत पहचान और भाषाओं की बात आती है, तो उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है. वहीं, भानु प्रताप शाही ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार निकम्मी है और 'मंइयां योजना' के नाम पर पूरे राज्य का खजाना लूटा जा रहा है. बीएड और अन्य वोकेशनल कोर्स करने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल रही, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
रातू रोड फ्लाईओवर का नाम राजा 'मदरा मुंडा' के नाम पर नामित करने की मांग
वहीं भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने रातू रोड फ्लाईओवर का नाम बदलने की भी मांग उठाई गई. बीजेपी नेताओं ने इसे छोटानागपुर के ऐतिहासिक राजा 'मदरा मुंडा' के नाम पर नामित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह आदिवासी इतिहास को सम्मान देने की दिशा में एक उचित कदम होगा. पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहला इंजीनियरिंग कॉलेज चंदकियारी में बना, लेकिन उद्घाटन में अनावश्यक देरी हो रही है. इसके अलावा, अनुबंध शिक्षकों और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर भी राज्यपाल को जानकारी दी गई. बिरसा मुंडा के नाम पर राजनीति तो की जाती है, लेकिन उनकी भाषा और पहचान को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है.
JETET नियमावली को लेकर सरकार पर झूठ बोलने का आरोप
बीजेपी विधायक अमित मंडल ने जेटेट नियमावली को लेकर सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जेटेट की नियमावली 2023 से ही पारित है, फिर भी सरकार भ्रम फैला रही है. अंगिका, भोजपुरी, मुंडारी और कुलमाड़ी जैसी भाषाओं को लेकर दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है. अमित मंडल ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार हिंदू भावनाओं को आहत करने वाले कार्यों में शामिल है और जब हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं तो सरकार चुप्पी साध लेती है. इस प्रतिनिधिमंडल में पलामू, उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर एवं संथाल परगना के प्रतिनिधि शामिल थे. बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मांग की कि वे इन मुद्दों पर संज्ञान लें और राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दें.