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बिहार/डेस्क: मोकामा में हुए हत्याकांड और चुनावी हिंसा के बाद चुनाव आयोग एक्शन में आ गया हैं. आयोग ने राज्य के अधिकारियों को अवैध हथियारों की बरामदगी और लॉ एंड ऑर्डर को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया हैं. साथ ही शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी गाइडलाइनों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा की. बैठक में यह साफ निर्देश दिया गया कि चुनावी माहौल में किसी भी तरह की अराजकता या हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस बीच मोकामा में चुनावी हिंसा को लेकर एक और एफआईआर दर्ज की गई हैं. यह शिकायत आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी के समर्थकों की ओर से पंडारक थाने में दी गई थी. शिकायत में कहा गया है कि शुक्रवार को दुलारचंद यादव की शव यात्रा के दौरान पंडारक में बवाल हुआ था, जिसमें वीणा देवी के काफिले की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. इस मामले में सुमित, सोनू और गोलू को आरोपी बनाया गया हैं. मोकामा हत्याकांड में अब तक कुल चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. इनमें से तीन एफआईआर भदौर थाने में और एक एफआईआर पंडारक थाने में दर्ज हुई हैं.
पहली एफआईआर दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार की शिकायत पर दर्ज हुई थी, जिसमें अनंत सिंह, उनके दो भतीजे राजवीर और कर्मवीर के साथ छोटन सिंह और कंजय सिंह को नामजद किया गया हैं. वहीं दूसरी ओर अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार की शिकायत पर जनसुराज प्रत्याशी प्रियदर्शी पियूष, लखन महतो, बाजो महतो, नीतीश महतो, ईश्वर महतो और अजय महतो पर मामला दर्ज किया गया हैं. इसके अलावा पुलिस ने भी अपनी ओर से दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में एक स्वतः संज्ञान एफआईआर दर्ज की हैं. मोकामा में बढ़ती चुनावी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही हैं.
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