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रांची/डेस्क: झारखंड के नगर विकास विभाग ने अगले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के कम से कम तीन लाख लाभार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस योजना के अंतर्गत, वर्ष 2025-26 में लगभग एक लाख आवासों को मंजूरी दी जाएगी. पीएमएवाई (यू) 2.0 एक मांग आधारित योजना है, जिसमें आवास की आवश्यकता के अनुसार मकानों की स्वीकृति दी जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने उपरोक्त लक्ष्यों को स्थापित किया है.
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार वर्तमान में झारखंड के 19 नगर निकायों में किफायती आवास परियोजनाओं के तहत 12,787 आवासीय इकाइयों के निर्माण पर कार्य कर रही है. यह भी उल्लेखनीय है कि पीएमएवाई (यू) के कार्यान्वयन के लिए केंद्र और झारखंड सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
झारखंड में पीएमएवाई (शहरी) का कार्य 2015-16 से शुरू हुआ है, जिसमें लाभार्थी नेतृत्व निर्माण (बीएलसी) के तहत 441 और भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी) के तहत 28 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इन परियोजनाओं से लगभग 2.11 लाख लाभार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है. अब तक लगभग 1.35 लाख इकाइयां पूरी हो चुकी हैं, जबकि शेष 0.75 लाख इकाइयाँ निर्माणाधीन हैं, जिन्हें दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
17 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में कुल 14,265 आवासों को स्वीकृति दी गई. इस बैठक में राज्य सरकार द्वारा 50,543 आवासों के लिए आवेदन की मांग की गई, जिनमें से लगभग 33,577 आवेदनों का शहरी स्थानीय निकायों के स्तर पर सत्यापन किया गया है. स्वीकृत आवासों का सत्यापन आगामी सीएसएमसी की बैठक में प्रस्तुत करने का प्रस्ताव है. केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति एक सरकारी निकाय है, जो विभिन्न आवास योजनाओं, विशेषकर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत परियोजनाओं की स्वीकृति और उनकी प्रगति की निगरानी करती है.